धारा 122 आईपीसी - IPC 122 in Hindi - सजा और जमानत - भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने के आशय से आयुध आदि संग्रहित करना।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 122 का विवरण
  2. धारा 122 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 122 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 122 के अनुसार जो भी कोई भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने, या युद्ध करने की तैयारी करने के आशय से सैनिक, आयुध या गोलाबारूद संग्रहित करेगा, या अन्यथा युद्ध करने की तैयारी करेगा, तो उसे आजीवन कारावास, या किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे अधिकतम दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध
भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करने के आशय से आयुध आदि संग्रहित करना।
सजा - आजीवन कारावास या दस वर्ष कारावास और आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार आदि इकट्ठा करना


Punishment : आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय



आईपीसी धारा 122 को बीएनएस धारा 149 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 122 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 122 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 122 अपराध : भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार आदि इकट्ठा करना



आई. पी. सी. की धारा 122 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 122 के मामले में आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 122 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 122 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 122 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 122 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 122 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 122 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 122 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 122 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।