धारा 119 आईपीसी - IPC 119 in Hindi - सजा और जमानत - किसी ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना का लोक सेवक द्वारा छिपाया जाना, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य है

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 119 का विवरण
  2. धारा 119 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 119 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 119 के अनुसार जो कोई लोक सेवक होते हुए उस अपराध का किया जाना, जिसका निवारण करना ऐसे लोक सेवक के नाते उसका कर्तव्य है, सुगम बनाने के आशय से या संभाव्यतः तद्द्वारा सुगम बनाएगा यह जानते हुए,
ऐसे अपराध के किए जाने की परिकल्पना के अस्तित्व को किसी कार्य या अवैध लोप द्वारा स्वेच्छया छिपाएगा या ऐसी परिकल्पना के बारे में ऐसा निरूपण करेगा जिसका झूठा होना वह जानता है,
यदि अपराध कर दिया जाए - यदि ऐसा अपराध कर दिया जाए, तो वह उस अपराध के लिए उपबंधित किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि के आधी तक होगी, या उस अपराध के लिए उपबंधित आर्थिक दण्ड से, या दोनों से,
यदि अपराध मॄत्यु आदि से दण्डनीय है - अथवा यदि वह अपराध मॄत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय हो, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सज़ा, जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है,
यदि अपराध नहीं किया जाए - अथवा यदि वह अपराध नहीं किया जाए, तो उसे उस अपराध के लिए उपबंधित किसी एक अवधि के लिए कारावास की सज़ा, जिसकी अवधि ऐसे कारावास की दीर्घतम अवधि की एक चौथाई तक की होगी, या उस अपराध के लिए उपबंधित आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
लोक सेवक द्वारा किसी ऐसे अपराध, जिसका निवारण करना उसका कर्तव्य है, के किए जाने की परिकल्पना को छिपाना।
1. यदि अपराध होता है -
सजा - अपराध के लिए दीर्घतम अवधि के कारावास की आधी अवधि या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह अपराध ग़ैर-जमानती है, तथा संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी।

2. यदि अपराध मॄत्यु आदि से दण्डनीय है -
सजा - दस वर्ष के लिए कारावास।
यह अपराध ग़ैर-जमानती है, तथा संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी।

3. यदि अपराध नहीं होता है -
सजा - अपराध के लिए दीर्घतम अवधि के कारावास की चौथाई अवधि या आर्थिक दण्ड या दोनों।
जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : यदि अपराध किया जाता है, तो मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए एक डिजाइन छुपाना


Punishment : 7 साल + जुर्माना है


Cognizance : किये गए अपराध के समान


Bail : किये गए अपराध के समान


Triable : उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है



Offence : यदि अपराध नहीं किया जाता है


Punishment : 3 साल + जुर्माना है


Cognizance : किये गए अपराध के समान


Bail : गैर जमानती


Triable : उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है



आईपीसी धारा 119 को बीएनएस धारा 59 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 119 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 119 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 119 अपराध : यदि अपराध किया जाता है, तो मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए एक डिजाइन छुपाना



आई. पी. सी. की धारा 119 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 119 के मामले में 7 साल + जुर्माना है का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 119 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 119 किये गए अपराध के समान है।



आई. पी. सी. की धारा 119 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 119 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 119 किये गए अपराध के समान है।



आई. पी. सी. की धारा 119 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 119 के मामले को कोर्ट उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है में पेश किया जा सकता है।