धारा 101 आईपीसी - IPC 101 in Hindi - सजा और जमानत - मॄत्यु से भिन्न कोई क्षति कारित करने के अधिकार का विस्तार कब होता है।
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
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धारा 101 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 101 के अनुसार यदि अपराध पूर्वगामी अंतिम धारा में प्रगणित भांतियों में से किसी भांति का नहीं है, तो शरीर की निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार हमलावर की मॄत्यु स्वेच्छया कारित करने तक का नहीं होता, किंतु इस अधिकार का विस्तार धारा 99 में वर्णित निर्बन्धनों के अध्यधीन हमलावर की मॄत्यु से भिन्न कोई क्षति स्वेच्छया कारित करने तक का होता है।
आईपीसी धारा 101 को बीएनएस धारा 39 में बदल दिया गया है।
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