धारा 296 आईपीसी - IPC 296 in Hindi - सजा और जमानत - धार्मिक जमाव में विघ्न करना

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 296 का विवरण
  2. धारा 296 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 296 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 296 के अनुसार जो कोई धार्मिक उपासना या धार्मिक संस्कारों में वैध रूप से लगे हुए किसी जमाव में स्वचेछया विघ्न कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

Offence : धार्मिक पूजा में लगे विधानसभा में उपद्रव का कारण


Punishment : 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 296 को बीएनएस धारा 300 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 296 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 296 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 296 अपराध : धार्मिक पूजा में लगे विधानसभा में उपद्रव का कारण



आई. पी. सी. की धारा 296 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 296 के मामले में 1 वर्ष या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 296 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 296 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 296 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 296 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 296 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 296 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 296 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।