धारा 272 आईपीसी - IPC 272 in Hindi - सजा और जमानत - विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय वस्तु का अपमिश्रण।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 272 का विवरण
  2. धारा 272 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 272 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 272 के अनुसार जो कोई किसी खाने या पीने की वस्तु को इस आशय से कि वह ऐसी वस्तु के खाद्य या पेय के रूप में बेचे या यह संभाव्य जानते हुए कि वह खाद्य या पेय के रूप में बेची जाएगी, ऐसे अपमिश्रित करेगा कि ऐसी वस्तु खाद्य या पेय के रूप में अस्वास्थ्यकर बन जाए, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड जो एक हजार रुपए तक हो सकता है, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय वस्तु को अस्वास्थ्यकर बनाने हेतु अपमिश्रण।
सजा - छह महीने कारावास या एक हजार रुपए आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : बिक्री के लिए इरादा भोजन या पेय में मिलावट करना, ताकि एक ही हानिकारक बना सके


Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



आईपीसी धारा 272 को बीएनएस धारा 274 में बदल दिया गया है।



आईपीसी धारा 272 शुल्कों के लिए सर्व अनुभवी वकील खोजें

IPC धारा 272 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 272 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 272 अपराध : बिक्री के लिए इरादा भोजन या पेय में मिलावट करना, ताकि एक ही हानिकारक बना सके



आई. पी. सी. की धारा 272 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 272 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 272 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 272 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 272 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 272 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 272 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 272 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 272 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 272 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।