धारा 228 आईपीसी - IPC 228 in Hindi - सजा और जमानत - न्यायिक कार्यवाही में बैठे हुए लोक सेवक का साशय अपमान या उसके कार्य में विघ्न

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 228 का विवरण
  2. धारा 228 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 228 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 228 के अनुसार जो कोई किसी लोक सेवक का उस समय, जब कि ऐसा लोक सेवक न्यायिक कार्यवाही के किसी प्रक्रम में बैठा हुआ हो, साशय कोई अपमान करेगा या उसके कार्य में कोई विध्न डालेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।

Offence : न्यायिक कार्यवाही के किसी भी चरण में बैठे लोक सेवक का जानबूझकर अपमान या व्यवधान


Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों के लिए सरल कारावास


Cognizance : असंज्ञेय; आंध्र प्रदेश में संज्ञेय


Bail : जमानती


Triable : जिस कोर्ट में अपराध किया गया है, पाठ XXVI, के अधीन



आईपीसी धारा 228 को बीएनएस धारा 267 में बदल दिया गया है।



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IPC धारा 228 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 228 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 228 अपराध : न्यायिक कार्यवाही के किसी भी चरण में बैठे लोक सेवक का जानबूझकर अपमान या व्यवधान



आई. पी. सी. की धारा 228 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 228 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों के लिए सरल कारावास का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 228 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 228 असंज्ञेय; आंध्र प्रदेश में संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 228 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 228 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 228 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 228 जमानती है।



आई. पी. सी. की धारा 228 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 228 के मामले को कोर्ट जिस कोर्ट में अपराध किया गया है, पाठ XXVI, के अधीन में पेश किया जा सकता है।