धारा 227 आईपीसी - IPC 227 in Hindi - सजा और जमानत - दंड के परिहार की शर्त का अतिक्रमण
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 227 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 227 के अनुसार जो कोई दंड का सशर्त परिहार प्रतिगॄहीत कर लेने पर किसी शर्त का जिस पर ऐसा परिहार दिया गया था, जानते हुए अतिक्रमण करेगा, यदि वह उस दंड का, जिसके लिए वह मूलतः दंडादिष्ट किया गया था, कोई भाग पहले ही न भोग चुका हो, तो वह उस दंड से और यदि वह उस दंड का कोई भाग भोग चुका हो, तो वह उस दंड के उतने भाग से, जितने को वह पहले ही भोग चुका हो, दंडित किया जाएगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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सजा की छूट की शर्त का उल्लंघन | मूल सजा, माइनस समय पहले से ही सेवा की | संज्ञेय | गैर जमानती | उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है |
Offence : सजा की छूट की शर्त का उल्लंघन
Punishment : मूल सजा, माइनस समय पहले से ही सेवा की
Cognizance : संज्ञेय
Bail : गैर जमानती
Triable : उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है
IPC धारा 227 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 227 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 227 अपराध : सजा की छूट की शर्त का उल्लंघन
आई. पी. सी. की धारा 227 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 227 के मामले में मूल सजा, माइनस समय पहले से ही सेवा की का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 227 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 227 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 227 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 227 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 227 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 227 गैर जमानती है।
आई. पी. सी. की धारा 227 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 227 के मामले को कोर्ट उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है में पेश किया जा सकता है।