धारा 224 आईपीसी - IPC 224 in Hindi - सजा और जमानत - किसी व्यक्ति द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा।
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 224 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 224 के अनुसार जो कोई किसी ऐसे अपराध के लिए, जिसका उस पर आरोप हो, या जिसके लिए उसे दोषसिद्ध किया गया हो, विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में साशय प्रतिरोध करेगा या अवैध बाधा डालेगा, या किसी अभिरक्षा से, जिसमें वह किसी ऐसे अपराध के लिए विधिपूर्वक निरुद्ध हो, निकल भागेगा, या निकल भागने का प्रयत्न करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।लागू अपराध
किसी व्यक्ति द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा।
सजा - दो वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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किसी व्यक्ति द्वारा उसकी विधिसम्मत आशंका के लिए प्रतिरोध या बाधा | 2 साल या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : किसी व्यक्ति द्वारा उसकी विधिसम्मत आशंका के लिए प्रतिरोध या बाधा
Punishment : 2 साल या जुर्माना या दोनों
Cognizance : संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 224 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 224 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 224 अपराध : किसी व्यक्ति द्वारा उसकी विधिसम्मत आशंका के लिए प्रतिरोध या बाधा
आई. पी. सी. की धारा 224 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 224 के मामले में 2 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 224 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 224 संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 224 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 224 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 224 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 224 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 224 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 224 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।