धारा 193 आईपीसी - IPC 193 in Hindi - सजा और जमानत - मिथ्या साक्ष्य के लिए दंड
अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 193 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 193 के अनुसार जो भी कोई साशय किसी न्यायिक कार्यवाही के किसी प्रक्रम में झूठा साक्ष्य देगा या किसी न्यायिक कार्यवाही के किसी प्रक्रम में उपयोग किए जाने के प्रयोजन से झूठा साक्ष्य गढ़ेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा;और जो भी कोई किसी अन्य मामले में साशय झूठा साक्ष्य देगा या गढ़ेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
स्पष्टीकरण 1--सेना न्यायालय के समक्ष विचारणीय न्यायिक कार्यवाही है।
स्पष्टीकरण 2--न्यायालय के समक्ष कार्यवाही प्रारम्भ होने के पूर्व, जो विधि द्वारा निर्दिष्ट अन्वेषण होता है वह न्यायिक कार्यवाही का एक प्रक्रम है, चाहे वह अन्वेषण किसी न्यायालय के सामने न भी हो।
स्पष्टीकरण 3--न्यायालय द्वारा विधि के अनुसार निर्दिष्ट और न्यायालय के प्राधिकार के अधीन संचालित अन्वेषण न्यायिक कार्यवाही का एक प्रक्रम है, चाहे वह अन्वेषण किसी न्यायालय के सामने न भी हो।
लागू अपराध
1. न्यायिक कार्यवाही में झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना।
सजा - सात वर्ष कारावास, और आर्थिक दण्ड।
यह अपराध जमानती, गैर-संज्ञेय है तथा प्रथम श्रेणी के न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।
2. किसी अन्य मामले में झूठा साक्ष्य देना या गढ़ना।
सजा - तीन वर्ष कारावास, और आर्थिक दण्ड।
यह अपराध जमानती, गैर-संज्ञेय है तथा किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
---|---|---|---|---|
न्यायिक कार्यवाही में झूठे सबूत देना या गढ़ना | 7 साल + जुर्माना | असंज्ञेय | जमानती | मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी |
किसी अन्य मामले में झूठे सबूत देना या गढ़ना | 3 साल + जुर्माना | असंज्ञेय | जमानती | किसी भी मजिस्ट्रेट |
Offence : न्यायिक कार्यवाही में झूठे सबूत देना या गढ़ना
Punishment : 7 साल + जुर्माना
Cognizance : असंज्ञेय
Bail : जमानती
Triable : मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी
Offence : किसी अन्य मामले में झूठे सबूत देना या गढ़ना
Punishment : 3 साल + जुर्माना
Cognizance : असंज्ञेय
Bail : जमानती
Triable : किसी भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 193 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 193 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 193 अपराध : न्यायिक कार्यवाही में झूठे सबूत देना या गढ़ना
आई. पी. सी. की धारा 193 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 193 के मामले में 7 साल + जुर्माना का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 193 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 193 असंज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 193 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 193 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 193 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 193 जमानती है।
आई. पी. सी. की धारा 193 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 193 के मामले को कोर्ट मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में पेश किया जा सकता है।