धारा 191 आईपीसी - IPC 191 in Hindi - सजा और जमानत - झूठा साक्ष्य देना।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


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विषयसूची

  1. धारा 191 का विवरण

धारा 191 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 191 के अनुसार जो कोई शपथ द्वारा या विधि के किसी अभिव्यक्त उपबंध द्वारा सत्य कथन करने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए, या किसी विषय पर घोषणा करने के लिए विधि द्वारा आबद्ध होते हुए, ऐसा कोई कथन करेगा, जो मिथ्या है, और या तो जिसके मिथ्या होने का उसे ज्ञान या विश्वास है, या जिसके सत्य होने का उसे विश्वास नहीं है, वह झूठा साक्ष्य देना कहलाता है।

स्पष्टीकरण 1--कोई कथन चाहे वह मौखिक हो, या अन्यथा किया गया हो, इस धारा के अंतर्गत आता है । भारतीय दण्ड संहिता, 1860 37
स्पष्टीकरण 2--अनुप्रमाणित करने वाले व्यक्ति के अपने विश्वास के बारे में मिथ्या कथन इस धारा के अर्थ के अंतर्गत आता है और कोई व्यक्ति यह कहने से कि उसे उस बात का विश्वास है, जिस बात का उसे विश्वास नहीं है, तथा यह कहने से कि वह उस बात को जानता है जिस बात को वह नहीं जानता, मिथ्या साक्ष्य देने का दोषी हो सकेगा।
आईपीसी धारा 191 को बीएनएस धारा 227 में बदल दिया गया है।



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