धारा 141 आईपीसी - IPC 141 in Hindi - सजा और जमानत - विधिविरुद्ध जनसमूह।

अपडेट किया गया: 01 Dec, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


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विषयसूची

  1. धारा 141 का विवरण

धारा 141 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 141 के अनुसार पांच या अधिक व्यक्तियों का जनसमूह विधिविरुद्ध जनसमूह कहा जाता है, यदि उन व्यक्तियों का, जिनसे वह जनसमूह संस्थापित हुआ है, समान उद्देश्य निम्न हो --
  1. केंद्रीय सरकार को, या किसी राज्य सरकार को, या संसद को, या किसी राज्य के विधान-मंडल को, या किसी लोक सेवक को, जब कि वह ऐसे लोक सेवक की विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग कर रहा हो, आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा आतंकित करना हो, अथवा
  2. किसी क़ानून के, या किसी क़ानूनी प्रक्रिया के, निष्पादन का प्रतिरोध करना, अथवा
  3. किसी कुचेष्टा या आपराधिक अतिचार या अन्य अपराध का करना, अथवा
  4. किसी व्यक्ति पर आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा, किसी संपत्ति का कब्जा लेना या प्राप्त करना या किसी व्यक्ति को किसी मार्ग या जल के अधिकार के उपभोग से, या अन्य निराकार अधिकार जिसका उसे अधिकार हो या जिसका वह उपभोग करता हो, से वंचित करना या किसी अधिकार या अनुमित अधिकार को लागू कराना, अथवा
  5. आपराधिक बल या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा किसी व्यक्ति को वह करने के लिए, जिसके लिए वह क़ानूनी रूप से आबद्ध न हो या किसी कार्य का लोप करने के लिए, जिसे करने का वह क़ानूनी रूप से हकदार हो, विवश करना।

स्पष्टीकरण--कोई जनसमूह, जो इकठ्ठा होते समय विधिविरुद्ध नहीं था, बाद को विधिविरुद्ध जनसमूह हो सकेगा।
आईपीसी धारा 141 को बीएनएस धारा 189 में बदल दिया गया है।



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