धारा 483 आईपीसी - IPC 483 in Hindi - सजा और जमानत - अन्य व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाए गए सम्पत्ति चिह्न का कूटकरण
अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
धारा 483 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 483 के अनुसार जो कोई किसी 2।।। सम्पत्ति- चिह्न का, जो किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाया जाता हो, कूटकरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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नुकसान या चोट पहुंचाने के इरादे से, दूसरे द्वारा उपयोग किए जाने वाले संपत्ति चिह्न की जालसाजी | 2 साल या जुर्माना या दोनों | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |
Offence : नुकसान या चोट पहुंचाने के इरादे से, दूसरे द्वारा उपयोग किए जाने वाले संपत्ति चिह्न की जालसाजी
Punishment : 2 साल या जुर्माना या दोनों
Cognizance : गैर - संज्ञेय
Bail : जमानतीय
Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट
IPC धारा 483 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आई. पी. सी. की धारा 483 के तहत क्या अपराध है?
आई. पी. सी. धारा 483 अपराध : नुकसान या चोट पहुंचाने के इरादे से, दूसरे द्वारा उपयोग किए जाने वाले संपत्ति चिह्न की जालसाजी
आई. पी. सी. की धारा 483 के मामले की सजा क्या है?
आई. पी. सी. की धारा 483 के मामले में 2 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
आई. पी. सी. की धारा 483 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 483 गैर - संज्ञेय है।
आई. पी. सी. की धारा 483 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?
आई. पी. सी. की धारा 483 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।
आई. पी. सी. की धारा 483 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?
आई. पी. सी. की धारा 483 जमानतीय है।
आई. पी. सी. की धारा 483 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?
आई. पी. सी. की धारा 483 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।