धारा 289 आईपीसी - IPC 289 in Hindi - सजा और जमानत - जीवजन्तु के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण।

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 289 का विवरण
  2. धारा 289 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 289 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 289 के अनुसार जो कोई अपने कब्जे में किसी जीवजन्तु के संबंध में ऐसी व्यवस्था करने का, जो ऐसे जीवजन्तु से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट या घोर क्षति के किसी अधिसंभाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
जीवजन्तु के संबंध में उपेक्षापूर्ण आचरण।
सजा - छह महीने कारावास या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : एक व्यक्ति अपने कब्जे में किसी भी जानवर के साथ आदेश लेने के लिए लोप, ताकि मानव जीवन के लिए खतरे से रक्षा के लिए, या गंभीर चोट की, ऐसे जानवर से


Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 289 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 289 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 289 अपराध : एक व्यक्ति अपने कब्जे में किसी भी जानवर के साथ आदेश लेने के लिए लोप, ताकि मानव जीवन के लिए खतरे से रक्षा के लिए, या गंभीर चोट की, ऐसे जानवर से



आई. पी. सी. की धारा 289 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 289 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 289 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 289 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 289 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 289 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 289 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 289 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 289 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।