शपथ पत्र (Affidavit) क्या होता है? एफिडेविट कैसे और कहां बनता है - प्रकार, फॉर्मेट



दोस्तों आप सभी ने बहुत बार अपने जीवन में शपथ पत्र के बारे में जरुर सुना होगा, जिसे अंग्रेजी में Affidavit भी कहा जाता है। शपथपत्र एक ऐसा कानूनी दस्तावेज (Legal Document) होता है जिसकी जरुरत भारत के सभी नागरिकों को अपने जीवन में एक बार नहीं बल्कि बार-बार होती है। परन्तु आज भी बहुत से लोग ऐसे है जो शपथ पत्र के मतलब व इसके होने वाले उपयोग के बारे में नहीं जानते। इसलिए आज के इस लेख द्वारा हम आपको इसके उपयोग व फायदों के साथ-साथ बताएंगे कि शपथ पत्र क्या होता है? (Affidavit in Hindi), एफिडेविट क्यों दिया जाता है? और ये कैसे बनता है?


जब भी हम किसी सरकारी कार्यालय में किसी भी आवश्यक कार्य के लिए या कोई आवश्यक दस्तावेज बनवाने के लिए जाते है। उस समय सबसे पहले Affidavit लाने या बनवाने के लिए कहा जाता है, जैसे विवाह पंजीकरण (Marriage Registration) में, तलाक (Divorce) के समय, जन्म पत्र बनवाते समय। इसके अलावा भी बहुत सारे कार्यों के लिए भी इसकी जरुरत पड़ती है। ऐसे में बहुत से लोगों के सामने यह समस्या आती है कि यह कैसे और कहाँ बनता है? इसके लिए कितने पैसे लगते है? इन्हीं सब बातों को आज हमने अपने इस लेख द्वारा बहुत ही सरल शब्दों में बताया है। इसलिए एफिडेविट की पूरी जानकारी पाने के लिए इस लेख को पूरा पढ़े।



शपथ पत्र (एफिडेविट) क्या है - Affidavit in Hindi

Affidavit जिसे हलफनामा भी कहा जाता है इसका अर्थ होता है एक प्रकार का लिखित वादा या किसी भी कार्य को करने से पहले उसके लिए लिखित रुप से प्रतिज्ञा (Pledge) करना। भारत में हम जब भी किसी कानूनी मामलों में अपना कोई भी आधिकारिक बयान (Official Statement) या जानकारी प्रदान करते है तो उसके लिए शपथ पत्र की आवश्यकता पड़ती है।

शपथ पत्र एक वादे की तरह होता है कि हम जो कह रहे हैं वह सारी बाते सच है। किसी भी व्यक्ति द्वारा Affidavit के तहत की गई सारी बाते सच होने की घोषणा के बाद उस पत्र पर हस्ताक्षर किया जाता है। जिसके बाद ओथ कमिश्नर या नोटरी पब्लिक उसे प्रमाणित (Certified) करता है। हमारे देश में संपत्ति खरीदने या बेचने से लेकर आधिकारिक तौर पर अपना नाम बदलने तक व अन्य बहुत से कामों में भी शपथपत्र बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं।



शपथपत्र कितने प्रकार के होते है - Type of Affidavit in Hindi

भारत में Affidavit दो प्रकार के होते हैं। जो कि इस प्रकार है:-

न्यायिक :-

न्यायिक हलफनामा किसी मामले के गवाह (Witness) या किसी पक्ष द्वारा दिया गया एक लिखित बयान होता है जिसे न्यायिक कार्यवाही,जैसे अदालती मुकदमे में साक्ष्य (Evidence) के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें मौखिक रूप से गवाही देने के बजाय गवाह शपथ के तहत हस्ताक्षर करके लिखित रूप में अपने बयान प्रदान करते हैं।

इन हलफनामों को सबूत के तौर पर अदालत में पेश किया जाता है। इसके अलावा न्यायिक शपथ पत्र ऐसा डॉक्यूमेंट होता है जो न्यायिक प्रक्रिया (Judicial Process) से तैयार किया जाता है और इसके लिए न्यायालय की फीस लगती है जिस पर न्यायालय (Court) द्वारा ही मुहर लगाई जाती है।

गैर न्यायिक :-

गैर-न्यायिक हलफनामा सीधे तौर पर अदालती कार्यवाही से संबंधित नहीं होते हैं। इन हलफनामों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे विभिन्न कानूनी, प्रशासनिक या व्यावसायिक संदर्भों में कुछ तथ्यों या बयानों की सच्चाई की पुष्टि करना।

इस Affidavit को गैर-न्यायिक स्टाम्प (Non Judicial Stamp) के ऊपर लिखकर बनाया जाता है। इसके लिए स्टाम्प पेपर का मूल्य सभी राज्यों में अलग-अलग होता है। इसकी कीमत 10 रुपये से शुरु होकर 100 रुपये से ज्यादा भी हो सकती है। इसको मान्य करवाने के लिए नोटरी पब्लिक द्वारा हस्ताक्षर व मुहर लगवाकर सत्यापित (Verified) करवाया जाता है।

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शपथ पत्र (Affidavit) कब और क्यों दिया जाता है

हलफनामा एक लिखित रुप से बयान है जो किसी भी व्यक्ति द्वारा स्वेच्छा यानी खुद की इच्छा से नोटरी पब्लिक या किसी अन्य अधिकृत अधिकारी की उपस्थिति में दिया जाता है। Affidavit का इस्तेमाल आमतौर पर कानूनी कार्यवाही व अन्य आधिकारिक मामले के बारे में शपथ साक्ष्य या जानकारी प्रदान करने के लिए किया जाता है। यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि क्यों हलफनामा दिया जा सकता है:-

  • कानूनी मामलों में किसी भी घटना, तथ्यों व सूचनाओं की जानकारी प्रस्तुत करने के लिए शपथ पत्र का उपयोग साक्ष्यों के रुप में किया जा सकता है।
  • किसी भी प्रकार के दस्तावेज को बनवाते समय उनमें दी गई जानकारी के सही होने की लिखित घोषणा के दौरान भी इसकी आवश्यकता पड़ती है जैसे जन्म प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण में आदि।
  • कुछ आधिकारिक लेनदेन (Official Transaction) के मामलों में भी एफिडेविट दिया जाता है जैसे पासपोर्ट के लिए, बीमा के लाभ प्राप्त करने के लिए, संपत्ति किसी और के नाम करने में।
  • यदि कोई व्यक्ति खुद किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने में असमर्थ होता है तो वह एक हलफनामा प्रदान कर सकते है जो यहाँ साबित करता है कि दस्तावेज पर पहले हस्ताक्षर उनके द्वारा किए गए थे।
  • वित्तीय मामलों में भी हलफनामा दिया जाता है जैसे आय, व्यय, लोन आदि के मामलों में।
  • Affidavit देकर किसी भी मामले में दी गई जानकारी की विश्वसनीयता (Reliability) को बढ़ा सकता है।

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एफिडेविट का उपयोग किन मामलों में किया जाता है?

वैसे तो Affidavit का उपयोग बहुत से कार्यों में किया जाता है लेकिन कुछ मुख्य कार्य है। जिनमें इसका उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है वो इस प्रकार है:-

  • कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होने का हलफनामा:- इस हलफनामे का इस्तेमाल इस बात कि घोषणा करने के लिए किया जाता है कि किसी व्यक्ति का कोई भी आपराधिक रिकार्ड (Criminal Record) नहीं है। इसका इस्तेमाल रोज़गार के लिए, वीज़ा आवेदन और सरकार से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए किया जाता है।
  • रिश्ते का हलफनामा: इसका उपयोग व्यक्तियों के बीच पारिवारिक संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है, जैसे माता-पिता-बच्चे या जीवनसाथी के रिश्ते।
  • विवाह का शपथ पत्र: इस का उपयोग किसी व्यक्ति की वैवाहिक स्थिति (Marital Status) की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। विवाह प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करते समय अकसर इसकी जरुरत पड़ती है।  
  • अनापत्ति का शपथ पत्र: इसका इस्तेमाल यह घोषित करने के लिए किया जाता है कि किसी व्यक्ति को किसी कार्यवाही या निर्णय से कोई आपत्ति (Objection) नहीं है। उदाहरण के लिए इसकी आवश्यकता तब पड़ सकती है जब माता-पिता अपने बच्चे की यात्रा या विवाह के लिए सहमति देते हैं।
  • नुकसान का शपथ पत्र: जब प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, या संपत्ति दस्तावेज जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज खो जाते हैं, तो इसका उपयोग उन दस्तावेजों को वापिस से बनवाने या प्राप्त करने के लिए अनुरोध करने के दौरान किया जाता है।
  • निवास का शपथ पत्र: इस Affidavit का उपयोग किसी व्यक्ति के रहने वाले घर की पुष्टि करने के लिए किया जाता है। कानूनी प्रक्रियाओं के दौरान घर के पते के सत्यापन के लिए इसकी आवश्यकता हो सकती है।
  • सहमति का शपथ पत्र: इस Affidavit का उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी  कार्य या निर्णय के लिए अपनी सहमति देता है। इसका उपयोग गोद लेने, चिकित्सा प्रक्रियाओं या कानूनी समझौतों (Legal Agreements) जैसी स्थितियों में किया जा सकता है।
  • तलाक के लिए
  • संपत्ति विवाद में
  • कानूनी दस्तावेजों के पुष्टि करने में
  • नाम परिवर्तन करवाने में
  • सरकारी पदों कि नियुक्ति में
  • संविधानिक पदों की नियुक्ति में

इसके अलावा भी बहुत से ऐसे मामले होते है जिनमें Affidavit की आवश्यकता पड़ती है। ये सभी मामले हमारे द्वारा आपको आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले मामलों की जानकारी देने कि लिए बताए गए है।



शपथ पत्र किसके द्वारा प्रमाणित किया जाता है?

जब भी कोई व्यक्ति किसी कार्य के लिए Affidavit बनवाता है तो वह अपने द्वारा दी गई सभी जानकारियों के सच होने के लिए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करता है। उसके बाद उस शपथ पत्र को प्रमाणित करने के लिए नोटरी पब्लिक या शपथ आयुक्त (Oath Commissioner) की आवश्यकता होती है। नोटरी पब्लिक या शपथ आयुक्त के द्वारा ही शपथ पत्र पर मुहर लगाकर प्रमाणित किया जाता है।

कानूनी कार्यवाही में एफिडेविट

  1. सिविल मामले:- सिविल मुकदमेबाजी में, पक्ष अपने दावे, बचाव और सहायक साक्ष्य वाले हलफनामे प्रस्तुत करते हैं। ये हलफ़नामे मुकदमे के दौरान गवाही और सबूत के रूप में काम करते हैं।
  2. आपराधिक मामले:- आपराधिक मामलों में, गवाहों, पीड़ितों या यहां तक कि अभियुक्तों (Accused) के बयान पेश करने के लिए हलफनामों का उपयोग किया जा सकता है।
  3. पारिवारिक कानून के मामले:- तलाक, बच्चे आदि से जुड़े पारिवारिक कानून के मामलों में अक्सर Affidavit प्रस्तुत किए जाते हैं
  4. संपत्ति लेनदेन: संपत्ति लेनदेन के दौरान, खरीदार और विक्रेता दोनों अक्सर संपत्ति से संबंधित जानकारियों की पुष्टि करने के लिए हलफनामा प्रस्तुत करते हैं।
  5. वसीयत:- वसीयत की प्रामाणिकता स्थापित करने या मृतक के इरादों का सबूत प्रदान करने के लिए शपथ पत्र का उपयोग वसीयत के मामलों में किया जा सकता है।


एफिडेविट कैसे बनाए या शपथपत्र बनाने की प्रक्रिया?

भारत में हलफनामा बनाते समय ध्यान में रखने के लिए कुछ विशिष्ट विवरण और विचार हैं:

  • शपथ पत्र बनाने के लिए सबसे पहले पूरा नाम, पिता या पत्नी का नाम, उम्र, व्यवसाय और आवासीय पता (Residential Address) शामिल करें।
  • इसके बाद आप हलफनामा क्यों बना रहे हो यानी उसके विषय या उद्देश्य को लिखे।
  • इसके बाद एक उसमें एक परिचय लिखे जो पुष्टि करता है कि आप स्वेच्छा यानी खुद की इच्छा से हलफनामा दे रहा है और आपके द्वारा दी गई सभी जानकारी सही है।
  • जिन तथ्यों को आप प्रमाणित कर रहे है उनकी सही व पूरी जानकारी प्रदान करें।
  • इसके बाद इस शपथ पत्र को नोटरी पब्लिक द्वारा नोटरीकृत करवाने की आवश्यकता पड़ती है जिसके लिए आपको नोटरी कार्यालय में जाकर उस पर मुहर (Stamp) लगवानी पड़ती है।
  • इसके बाद कुछ हलफनामों को एक विशेष मूल्य के गैर-न्यायिक सटाम्प पेपर पर लिखा जाता है। स्टाम्प पेपर का मूल्य आपके राज्य की फीस के हिसाब से होगा।
  • शपथ पत्र के नीचे वादी के हस्ताक्षर होने चाहिए, जिनको नोटरी की उपस्थिति में ही किया जाना चाहिए।
  • नोटरी अधिकारी हलफनामे के अंत में एक प्रमाणीकरण प्रदान करेगा। जिसमें उनकी मोहर, हस्ताक्षर, नाम व पंजीकरण संख्या शामिल होगी।
  • कुछ मामलों में आपको एक गवाह की आवश्यकता भी हो सकता है। जो आपकी पहचान को प्रमाणित कर इसके लिए गवाह का नाम और पता भी प्रदान किया जाना चाहिए।

यदि आपको शपथ पत्र बनाने की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो आप अपने क्षेत्र के नोटरी कार्यालय के पास मौजूद दुकानों से इसे बनवा सकते है। जिसके लिए आपको 100 से 200 रुपये देने पड़ते है।



शपथ पत्र में झूठी जानकारी देने की सजा क्या है?

जो भी व्यक्ति जानबूझकर किसी भी कानूनी कार्यवाही के दौरान झूठी जानकारी या गवाही देता है या झूठे सबूत (False Evidence) पेश करता है तो उसे कारावास (Imprisonment) व जुर्माने की सजा से दंड़ित किया जा सकता है।

इसीलिए जो भी व्यक्ति गलत शपथ पत्र या झूठी जानकारी देता है तो उसे आईपीसी की धारा 191,193 व 199 के तहत सजा दी जा सकती है। शपथ पत्र या झूठा दस्तावेज जमा करना भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 191, 193 , 195 और 199 के तहत अपराध है।


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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


एफिडेविट का प्रयोग कब किया जाता है?

शपथ पत्र का उपयोग विभिन्न कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में किया जाता है, जैसे अदालती कार्यवाही, संपत्ति लेनदेन, नाम परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, आदि।



Affidavit बनाने का उद्देश्य क्या है?

हलफनामा बनाने का मुख्य उद्देश्य तथ्यों का लिखित और शपथपूर्वक बयान प्रदान करना है यह कुछ दावों या दावों की सच्चाई स्थापित करने में मदद करता है।



भारत में शपथ पत्र की शपथ कैसे ली जाती है?

हलफनामा आम तौर पर शपथ दिलाने के लिए अधिकृत व्यक्ति, जैसे नोटरी पब्लिक, मजिस्ट्रेट या नामित अधिकारी के समक्ष शपथ लिया जाता है। Affidavit बनाने वाला व्यक्ति प्राधिकारी की उपस्थिति में इस पर हस्ताक्षर करता है और शपथ लेता है या पुष्टि करता है कि इसकी सामग्री सत्य है।



क्या भारत में शपथपत्र पर झूठी गवाही लागू होती है?

हां, Affidavit में गलत बयान या जानकारी देना झूठी गवाही माना जाता है और भारतीय कानून के तहत दंडनीय है।



क्या मुझे Affidavit बनाने के लिए वकील की आवश्यकता है?

नहीं, Affidavit बनाने के लिए आपको वकील की आवश्यकता नहीं है। लेकिन कुछ जटिल कानूनी मामलों में हलफनामा देने से पहले कानूनी सलाह की आवश्यकता पड़ सकती है।