मेरे खिलाफ गलत चेक बाउंस का मामला मैं क्या कर सकता हूं


सवाल

धारा 138 पर कानूनी सलाह की आवश्यकता है
1. मैंने एक व्यक्ति को 3 साल पहले व्यवसाय की ज़मानत राशि का चैक दिया था।
2. अब उसने अपने आप चैक पर दिनांक और राशि भर कर आहरण के लिए बैंक की शाखा में गया।
3. बैंक ने "अपर्याप्त शेष राशि के कारण" के मेमो द्वारा चैक वापस कर दिया।
4. अब उन्होंने 4 साल बाद कोर्ट में धारा 138 के तहत मामला दायर किया है।
5. यद्यपि सभी व्यावसायिक शर्तों का निपटारा हो गया था, लेकिन अब वह इसे अपने व्यक्तिगत लाभ और हमें ब्लैकमेल करने के लिए प्रयोग कर रहा है।
नोट: - उसके पास मेरी तरफ किसी भी ऋण या दायित्व का कोई प्रमाण नहीं है I और न ही मेरे पास कोई ज़मानत राशि के रूप में दिए गए चेक के प्रमाण हैं।

उत्तर (1)


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आज के समय में चेक बाउंस के मामले बढ़ रहे हैं और भारतीय अदालतें इन मामलों से भरी पड़ी हैं जो एन.आई अधिनियम,1881 की धारा 138 के तहत दायर की जाती हैं।
ये मामले आमतौर पर किसी से पैसे ऐंठने या उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और खराब करने के लिए होते हैं।  इस कानूनी प्रावधान की भाषा बहुत स्पष्ट है चेक की अस्वीकृति का अपराध केवल तभी माना जाता है जब चेक किसी भी ऋण या अन्य देनदारी के निर्वहन के लिए जारी किया गया हो। यदि चेक "जमानत राशि" के रूप में जारी किया गया था, और अगर इस तरह का चेक बाउंस करता है, तो एन.आई अधिनियम की धारा 138 के तहत कोई अपराध नहीं है। इसके अलावा आपकी तरफ कोई ऋण या देयता का कोई सबूत उनके पास नहीं है।

  • चेक बाउंस के मामले आपको यह साबित करना होता है। यह चेक सिक्योर्टी के लिए जमा किया था। इसलिए यह चेक एक सिक्योर्टी है। आप कोर्ट को यह बताए की शिकायतकर्ता से मैंने कोई चेक नहीं दिया है। यह चेक मैने किसी दूसरे को या अपने चिर -परिचित / सम्बन्धी को दिया था। मेरे चेक का गलत प्रयोग हुआ है।
  • आप कोर्ट से कहें की चेक पर मैंने कोई नाम नहीं लिखा है। आप बताए की चेक खो जाने की शिकायत पुलिस को दी थी। आप वकील के माध्यम से कोर्ट में कहे की शिकायतकर्ता रूपए मांग रहा है यह रूपए टैक्स पे के अन्तर्गत आता है, रूपए टैक्स पे नहीं तो यह ब्लैकमनी है और कोर्ट इस प्रकार के रूपए की रिकवरी नहीं करवाता है।
  • सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज एकत्रित करे : जब किसी व्यक्ति पर कोई झूठा आरोप लगाया जाता है तो सबसे बुद्धिमानी और होशियारी यह होती है कि सबूत इकट्ठा किया जाए जो उस पर लगाए गए आरोप के लिए उसे दोषी साबित करे। 
  • बैंक से संपर्क करें और चेक के अनादरण के संबंध में जानकारी प्राप्त करें: यदि आपका चेक बाउंस हो जाता है, तो बैंक आपको इसकी सूचना देते हुए नोटिस भेजेगा।  फिर आपको उनसे संपर्क करना होगा और पुष्टि करनी होगी कि क्या वास्तव में ऐसा हुआ है और यदि ऐसा हुआ है तो इसके क्या कारण हैं।
  • एक वकील की सहायता लें और कानूनी नोटिस का जवाब दें : कानूनी नोटिस का मसौदा तैयार करना आसान नहीं है और आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि एक बार नोटिस का मसौदा तैयार करने और भेजे जाने के बाद, आप इसकी सामग्री को बदल नहीं पाएंगे और आपको उस पर टिके रहना होगा। आप नोटिस में आपके द्वारा लिखे गए बयान के खिलाफ नहीं जा पाएंगे।
  • काउंटर केस फाइल करें : आपको कानूनी तौर पर उस व्यक्ति के खिलाफ काउंटर सिविल मामला दायर करे साथ मे "जालसाजी" और ब्लैकमेलिंग के लिए उसके खिलाफ मामला भी दायर कर सकते है।
यदि वह 138 के तहत मामला दर्ज करता है, तो उस कानूनी नोटिस के आधार पर मामले को चुनौती देने का सबसे अच्छा संभव तरीका है। चेक बुक नंबर के रूप में आपके पास पर्याप्त प्रमाण होंगे। और चेक बुक की एक ही श्रृंखला के अन्य चेक ठीक से कहानी बताएंगे। लेकिन अन्य किसी भी तरह की प्रतिरक्षा के बारे में अन्य पार्टी को खुलासा न करें। आप एक अच्छे वकील से परामर्श लें, जो निश्चित रूप से आपको उचित व्यय पर सर्वोत्तम सलाह देगा।
 


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अनुवादित किया गया मूल उत्तर यहां पढ़ा जा सकता है।


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