धारा 19 हिन्दू विवाह अधिनियम - वह न्यायालय जिसमें अर्जी उपस्थापित की जायेगी

October 11,2018


विवरण

इस अधिनियम के अधीन हर अजीं उस जिला न्यायालय के समक्ष उपस्थापित की जायेगी जिसकी साधारण आरम्भिक सिविल अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के अन्दर -

(i) विवाह का अनुष्ठापन हुआ था; या

(ii) प्रत्यर्थी, अर्जी के उपस्थापन के समय, निवास करता है; या

(iii) विवाह के पक्षकारों ने अंतिम बार एक साथ निवास किया था, या

(iii-क) पत्नी के अर्जीदार होने की दशा में, याचिका प्रस्तुत करने वाले दिनांक को, जहाँ वह निवास कर रही है; या

(iv) अर्जीदार के अर्जी पेश किए जाने के समय निवास कर रहा है, यह ऐसे मामले में, जिसमें प्रत्यर्थी उस समय ऐसे राज्यक्षेत्र के बाहर निवास कर रहा है जिस पर इस अधिनियम का विस्तार है। अथवा वह जीवित है या नहीं इसके बारे में सात वर्ष या उससे अधिक की कालावधि के । भीतर उन्होंने कुछ नहीं सुना है, जिन्होंने उसके बारे में, यदि वह जीवित होता तो, स्वाभाविकतया सुना होता।


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