धारा 13ख हिन्दू विवाह अधिनियम - पारस्परिक सम्मति से विवाह-विच्छेद

October 11,2018


विवरण

(1) इस अधिनियम के उपबन्धों के अधीन रहते हुए या दोनों पक्षकार मिलकर विवाह-विच्छेद की डिक्री विवाह के विघटन के लिए अर्जी जिला न्यायालय में, चाहे ऐसा विवाह, विवाह विधि (संशोधन) अधिनियम, 1976 के प्रारम्भ के पूर्व अनुष्ठापित किया गया हो चाहे उसके पश्चात् इस आधार पर पेश कर सकेंगे कि वे एक वर्ष या उससे अधिक समय से अलग-अलग रह रहे हैं और वे एक साथ नहीं रह सके हैं तथा वे इस बात के लिए परस्पर सहमत हो गये हैं कि विवाह विघटित कर देना चाहिये।

(2) उपधारा (1) में निर्दिष्ट अर्जी के उपस्थापित किये जाने की तारीख से छ: मास के पश्चात् और अठारह मास के भीतर दोनों पक्षकारों द्वारा किये गये प्रस्ताव पर, यदि इस बीच अजीं वापिस नहीं ले ली गई हो तो न्यायालय पक्षकारों को सुनने के पश्चात् और ऐसी जाँच, जैसी वह ठीक समझे, करने के पश्चात् अपना यह समाधान कर लेने पर कि विवाह अनुष्ठापित हुआ है और अर्जी में किये गये प्रकाशन सही हैं यह घोषणा करने वाली डिक्री पारित करेगा कि विवाह डिक्री की तारीख से विघटित हो जाएगा।


हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 से अधिक पढ़ने के लिए, यहां क्लिक करें


हिन्दू विवाह अधिनियम धारा 13ख के लिए सर्वअनुभवी वकील खोजें

लोकप्रिय हिन्दू विवाह अधिनियम धाराएं