भारतीय संविधान - पहली अनुसूची


विवरण

(अनुच्छेद 1 और अनुच्छेद 4)

1. राज्य
2. नाम राज्य क्षेत्र

1. आंध्रप्रदेश (आंध्रप्रदेश और मैसूर (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1968 (1968 का 36) की धारा 4 द्वारा (1-10-1968 से) पूर्ववर्ती प्रविष्टि के स्थान पर प्रतिस्थापित।) वे राज्य क्षेत्र जो आंध्र राज्य अधिनियम, 1953 की धारा 3 की उपधारा (1) में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 3 की उपधारा (1) में, आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 की प्रथम अनुसूची में और आंध्रप्रदेश और मैसूर (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1968 की अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 की द्वितीय अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।

2. असम : वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले असम प्रांत, खासी राज्यों और असम जनजाति क्षेत्रों में समाविष्ट थे, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो असम (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1951 की अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं (नागालैंड राज्य अधिनियम, 1962 (1962 का 27) की धारा 4 द्वारा (1-12-1963 से) जोड़ा गया।) (और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं, जो नागालैंड राज्य अधिनियम, 1962 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।) (पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 9 द्वारा (21-1-1972 से) जोड़ा गया।)

(और वे राज्य क्षेत्र) भी इसके अंतर्गत नहीं हैं (जो पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 की धारा 5, धारा 6 और धारा 7 में विनिर्दिष्ट हैं।)

3. बिहार (बिहार और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1968 (1968 का 24) की धारा 4 द्वारा (10-6-1970 से) पूर्ववर्ती प्रविष्टि के स्थान पर प्रतिस्थापित।) (वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो बिहार प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों और वे राज्य क्षेत्र जो बिहार और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1968 की धारा 3 की उपधारा (1) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो बिहार और पश्चिमी बंगाल (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1956 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो प्रथम वर्णित अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (1) के खंड (ख) में विनिर्दिष्ट हैं।)

* मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 4 द्वारा (1-5-1960 से) प्रविष्टि 4 के स्थान पर प्रतिस्थापित।

4. गुजरात वे राज्य क्षेत्र जो मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 की धारा 3 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट हैं।

5. केरल वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 5 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।

6. मध्य प्रदेश वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 9 की उपधारा (1) में (राजस्थान और मध्यप्रदेश (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1959 (1959 का 47) की धारा 4 द्वारा (1-10-1959 से) अंतःस्थापित।) (तथा राजस्थान और मध्यप्रदेश (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1959 की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।)

* मद्रास राज्य (नाम परिवर्तन) अधिनियम, 1968 (1968 का 53) की धारा 5 द्वारा (14-1-1969 से) '7. मद्रास' के स्थान पर प्रतिस्थापित।

7. तमिलनाडु वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो मद्रास प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों और वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 4 में (आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 (1959 का 56) की धारा 6 द्वारा (1-4-1960 से) अंतःस्थापित।) (तथा आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 की द्वितीय अनुसूची में) विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो आंध्र राज्य अधिनियम, 1953 की धारा 3 की उपधारा (1) और धारा 4 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं और (आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 (1959 का 56) की धारा 6 द्वारा (1-4-1960 से) कुछ शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।) (वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 5 की उपधारा (1) के खंड (ख), धारा 6 और धारा 7 की उपधारा (1) के खंड (घ) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो आंध्रप्रदेश और मद्रास (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1959 की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।)

* मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 4 द्वारा (1-5-1960 से) अंतःस्थापित।

8. महाराष्ट वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 8 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 की धारा 3 की उपधारा (1) में निर्दिष्ट हैं।

* मैसूर राज्य (नाम परिवर्तन) अधिनियम, 1973 (1973 का 31) की धारा 5 द्वारा (1-11-1973 से) '9. मैसूर' के स्थान पर प्रतिस्थापित।

* मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 4 द्वारा (1-5-1960 से) प्रविष्टि 8 से 14 तक को प्रविष्टि 9 से 15 तक के रूप में पुनः संख्यांकित किया गया।

9. कर्नाटक वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 7 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं, (आंध्रप्रदेश और मैसूर (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1968 (1968 का 36) की धारा 4 द्वारा (1-10-1968 से) अंतःस्थापित।) किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो आंध्रप्रदेश और मैसूर (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1968 की अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।

* मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 4 द्वारा (1-5-1960 से) प्रविष्टि 8 से 14 तक को प्रविष्टि 9 से 15 तक के रूप में पुनः संख्यांकित किया गया।

10. उड़ीसा वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो उड़ीसा प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों।

* मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 4 द्वारा (1-5-1960 से) प्रविष्टि 8 से 14 तक को प्रविष्टि 9 से 15 तक के रूप में पुनः संख्यांकित किया गया।

11. पंजाब वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 11 में विनिर्दिष्ट हैं (अर्जित राज्य क्षेत्र (विलयन) अधिनियम, 1960 (1960 का 64) की धारा 4 द्वारा (1-10-1968 से) अंतःस्थापित।) (और वे राज्य क्षेत्र जो अर्जित राज्य क्षेत्र (विलयन) अधिनियम, 1960 की प्रथम अनुसूची के भाग 2 में निर्दिष्ट हैं,) (संविधान (नवाँ संशोधन) अधिनियम, 1960 की धारा 3 द्वारा (17-1-1961 से) जोड़ा गया।) (किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो संविधान (नवाँ संशोधन) अधिनियम, 1960 की पहली अनुसूची के भाग 2 में निर्दिष्ट हैं) (पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 (1966 का 31) की धारा 7 द्वारा (1-11-1966 से) अंतःस्थापित।) (और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की धारा 3 की उपधारा (1), धारा 4 और धारा 5 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।)

* मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 4 द्वारा (1-5-1960 से) प्रविष्टि 8 से 14 तक को प्रविष्टि 9 से 15 तक के रूप में पुनः संख्यांकित किया गया।

12. राजस्थान वे राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 10 में विनिर्दिष्ट हैं, (राजस्थान और मध्यप्रदेश (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1959 (1959 का 47) की धारा 4 द्वारा (1-10-1959 से) अंतःस्थापित।) (किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो राजस्थान और मध्यप्रदेश (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1959 की प्रथम अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।)

* मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 4 द्वारा (1-5-1960 से) प्रविष्टि 8 से 14 तक को प्रविष्टि 9 से 15 तक के रूप में पुनः संख्यांकित किया गया।

13. उत्तरप्रदेश (हरियाणा और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 (1979 का 31) की धारा 5 द्वारा (15-9-1983 से) '13. उत्तरप्रदेश' के सामने की प्रविष्टि के स्थान पर प्रतिस्थापित।) वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो संयुक्त प्रांत नाम से ज्ञात प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों, वे राज्य क्षेत्र जो बिहार और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1968 की धारा 3 की उपधारा (1) के खंड (ख) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र जो हरियाणा और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा (1) के खंड (ख) में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो बिहार और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1968 की धारा 3 की उपधारा (1) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र भी इसके अंतर्गत नहीं हैं जो हरियाणा और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा (1) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट हैं।

* मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 4 द्वारा (1-5-1960 से) प्रविष्टि 8 से 14 तक को प्रविष्टि 9 से 15 तक के रूप में पुनः संख्यांकित किया गया।

14. पश्चिमी बंगाल वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले या तो पश्चिमी बंगाल प्रांत में समाविष्ट थे या इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे उस प्रांत के भाग रहे हों, और चंद्रनगर (विलयन) अधिनियम, 1954 की धारा 2 के खंड (ग) में यथा परिभाषित चंद्रनगर का राज्य क्षेत्र और वे राज्य क्षेत्र भी जो बिहार और पश्चिमी बंगाल (राज्य क्षेत्र अंतरण) अधिनियम, 1956 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।

* मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, 1960 (1960 का 11) की धारा 4 द्वारा (1-5-1960 से) प्रविष्टि 8 से 14 तक को प्रविष्टि 9 से 15 तक के रूप में पुनः संख्यांकित किया गया।

15. जम्मू-कश्मीर वह राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले जम्मू-कश्मीर देशी राज्य में समाविष्ट था।

* नागालैंड राज्य अधिनियम, 1962 (1962 का 27) की धारा 4 द्वारा (1-12-1963 से) अंतःस्थापित।

16. नागालैंड वे राज्य क्षेत्र जो नागालैंड राज्य अधिनियम, 1962 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।

* पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 (1966 का 31) की धारा 7 द्वारा (1-11-1966 से) अंतःस्थापित।

17. हरियाणा (हरियाणा और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 (1979 का 31) की धारा 5 द्वारा (15-9-1983 से) '17. हरियाणा' के सामने की प्रविष्टि के स्थान पर प्रतिस्थापित।) वे राज्य क्षेत्र जो पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की धारा 3 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं और वे राज्य क्षेत्र जो हरियाणा और उत्तरप्रदेश (सीमा परिवर्तन) अधिनियम, 1979 की धारा 4 की उपधारा

(1) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट हैं, किंतु वे राज्य क्षेत्र इसके अंतर्गत नहीं हैं जो उस अधिनियम की धारा 4 की उपधारा (1) के खंड (ख) में विनिर्दिष्ट हैं।

* हिमाचलप्रदेश राज्य अधिनियम, 1970 (1970 का 53) की धारा 4 द्वारा (25-1-1971 से) अंतःस्थापित।

18. हिमाचलप्रदेश वे राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले इस प्रकार प्रशासित थे मानो वे हिमाचलप्रदेश और बिलासपुर के नाम से ज्ञात मुख्य आयुक्त वाले प्रांत रहे हों और वे राज्य क्षेत्र जो पंजाब पुनर्गठन अधिनिमय, 1966 की धारा 5 की उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट हैं।

* पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 9 द्वारा (21-1-1972 से) अंतःस्थापित।

19. मणिपुर वह राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले इस प्रकार प्रशासित था मानो वह मणिपुर के नाम से ज्ञात मुख्य आयुक्त वाला प्रांत रहा हो।

20. त्रिपुरा वह राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले इस प्रकार प्रशासित था मानो वह त्रिपुरा के नाम से ज्ञात मुख्य आयुक्त वाला प्रांत रहा हो।

21. मेघालय वे राज्य क्षेत्र जो पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 की धारा 5 में विनिर्दिष्ट हैं।

* संविधान (छत्तीसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1975 की धारा 2 द्वारा (26-4-1975 से) अंतःस्थापित।

22. सिक्किम वे राज्य क्षेत्र जो संविधान (छत्तीसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1975 के प्रारंभ से ठीक पहले सिक्किम में समाविष्ट थे।

* मिजोरम राज्य अधिनियम, 1986 (1986 का 34) की धारा 4 द्वारा (20-2-1987 से) अंतःस्थापित।

23. मिजोरम वे राज्य क्षेत्र जो पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 की धारा 6 में विनिर्दिष्ट हैं।

* अरुणाचलप्रदेश राज्य अधिनियम, 1986 (1986 का 69) की धारा 4 द्वारा (20-2-1987 से) अंतःस्थापित।

24. अरुणाचलप्रदेश वे राज्य क्षेत्र जो पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 की धारा 7 में विनिर्दिष्ट हैं।

* गोआ, दमण और दीव पुनर्गठन अधिनियम, 1987 (1987 का 18) की धारा 5 द्वारा (30-5-1987 से) अंतःस्थापित।

24. गोआ वे राज्य क्षेत्र जो गोआ, दमण और दीव पुनर्गठन अधिनियम, 1987 की धारा 3 में विनिर्दिष्ट हैं।

2. संघ राज्य क्षेत्र

1. दिल्ली वह राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले दिल्ली के मुख्य आयुक्त वाले प्रांत में समाविष्ट था।

* हिमाचलप्रदेश राज्य अधिनियम, 1970 (1970 का 53) की धारा 4 द्वारा (25-1-1971 से) 'हिमाचलप्रदेश' से संबंधित प्रविष्टि 2 का लोप किया गया।

* पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 9 द्वारा (21-1-1972 से) 'मणिपुर और त्रिपुरा' से संबंधित प्रविष्टियों का लोप किया गया।

* पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 9 द्वारा (21-1-1972 से) प्रविष्टि 4 से 9 तक को प्रविष्टि 2 से 7 तक के रूप में पुनःसंख्यांकित किया गया।

2. अंदमान और निकोबार द्वीप वह राज्य क्षेत्र जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले अंदमान और निकोबार द्वीप के मुख्य आयुक्त वाले प्रांत में समाविष्ट था।

* पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 9 द्वारा (21-1-1972 से) प्रविष्टि 4 से 9 तक को प्रविष्टि 2 से 7 तक के रूप में पुनःसंख्यांकित किया गया।

* लक्कादीव, मिनिकोय और अमीनदीवी द्वीप (नाम-परिवर्तन) अधिनियम, 1973 (1973 का 34) की धारा 5 द्वारा (1-11-1973 से) 'लक्कादीव, मिनिकोय, अमीनदीवी द्वीप' के स्थान पर प्रतिस्थापित।

3. लक्षद्वीप वह राज्य क्षेत्र जो राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 6 में विनिर्दिष्ट है।

* संविधान (दसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1961 की धारा 2 द्वारा अंतःस्थापित।

* पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 9 द्वारा (21-1-1972 से) प्रविष्टि 4 से 9 तक को प्रविष्टि 2 से 7 तक के रूप में पुनःसंख्यांकित किया गया।

4. दादरा और नागर हवेली वह राज्य क्षेत्र जो 11 अगस्त, 1961 से ठीक पहले स्वतंत्र दादरा और नागर हवेली में समाविष्ट था।

* गोआ, दमण और दीव पुनर्गठन अधिनियम, 1987 (1987 का 18) की धारा 5 द्वारा प्रविष्टि 5 के स्थान पर (30-5-1987 से) प्रतिस्थापित।

* पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 9 द्वारा (21-1-1972 से) प्रविष्टि 4 से 9 तक को प्रविष्टि 2 से 7 तक के रूप में पुनःसंख्यांकित किया गया।

5. दमण और दीव वे राज्य क्षेत्र जो गोआ, दमण और दीव पुनर्गठन अधिनियम, 1987 की धारा 4 में विनिर्दिष्ट हैं।

* संविधान (चौदहवाँ संशोधन) अधिनियम, 1962 की धारा 3 और धारा 7 द्वारा (16-8-1962 से) अंतःस्थापित।

* पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 9 द्वारा (21-1-1972 से) प्रविष्टि 4 से 9 तक को प्रविष्टि 2 से 7 तक के रूप में पुनःसंख्यांकित किया गया।

6. पांडिचेरी वे राज्य क्षेत्र जो 16 अगस्त, 1962 से ठीक पहले भारत में पांडिचेरी, कारिकल, माही और यनम के नाम से ज्ञात फ्रांसीसी बस्तियों में समाविष्ट थे।

* पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 (1966 का 31) की धारा 7 द्वारा (1-11-1966 से) अंतःस्थापित।

* पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 9 द्वारा (21-1-1972 से) प्रविष्टि 4 से 9 तक को प्रविष्टि 2 से 7 तक के रूप में पुनःसंख्यांकित किया गया।

7. चंडीगढ़ वे राज्य क्षेत्र जो पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 की धारा 4 में विनिर्दिष्ट हैं।

* मिजोरम राज्य अधिनियम, 1986 (1986 का 34) की धारा 4 द्वारा मिजोरम संबंधी प्रविष्टि 8 का (20-2-1987 से) लोप किया गया और अरुणाचलप्रदेश संबंधी प्रविष्टि 9 को प्रविष्टि 8 के रूप में पुनः संख्यांकित किया गया।

* अरुणाचल प्रदेश राज्य अधिनियम, 1986 (1986 का 69) की धारा 4 द्वारा (20-2-1987 से) अरुणाचल प्रदेश संबंधी प्रविष्टि 8 का लोप किया गया


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भारतीय संविधान पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


1. संविधान क्या है?

संविधान देश का सर्वोच्च विधी है। यह सरकार/राज्य/संस्थानों के मौलिक संहिता, संरचनाओं, प्रक्रियाओं, शक्तियों और कर्तव्यों का सीमांकन करने वाले ढांचे का विवरण देता है। इसमें मौलिक अधिकार, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत और नागरिकों के कर्तव्य भी शामिल हैं।


2. संविधान कब प्रभाव मे आया ?

भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और यह 26 जनवरी, 1950 को प्रभाव मे आया था।


3. क्या संविधान मानव अधिकारों के दुरुपयोग को रोक सकता है?

यह नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए न्यायपालिका का संवैधानिक जनादेश है। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के पास मौलिक और अन्य अधिकारों को लागू करने के लिए कार्रवाई करने की शक्ति है। यह निवारण तंत्र अनुच्छेद 32 और 226 के तहत प्रदान किया गया है।


4. धर्मनिरपेक्षता क्या है?

संविधान के 42वें संशोधन ने प्रस्तावना में यह अभिकथन किया है की भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है सभी धर्मों को समान सम्मान देना और सभी धर्मों की समान तरीके से रक्षा करना।


5. प्रस्तावना क्या है?

भारतीय संविधान की प्रस्तावना यह घोषणा करती है कि भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य है। इसमें कहा गया है कि भारत के लोग अपने नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सुरक्षित करने का संकल्प लेते हैं।


6. क्या संविधान में संशोधन किया जा सकता है?

हां, भारत के संविधान में संशोधन किया जा सकता है। इसे या तो संसद के साधारण बहुमत से, या संसद के विशिष्ट बहुमत से, या संसद के विशिष्ट बहुमत से और आधे राज्य विधानसभाओं के अनुसमर्थन द्वारा संशोधित किया जा सकता है।


7. क्या भारतीय संविधान किसी अन्य देश के संविधान के समान है?

भारत के संविधान में विभिन्न राष्ट्रों के संविधानों से कई विशेषताएं अपनायी हैं और आज हमारे पास भारत की आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला गया है। अन्य देशों के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड के संविधानों से विशेषताओं को उधार लिया गया है।



लोकप्रिय भारतीय संविधान अनुच्छेद