भारत में जुआ कानून: सजा, धाराएं, ऑनलाइन सट्टा और जुआ अधिनियम
जुआ (Gambling), जिसे आम भाषा में सट्टेबाजी या दांव लगाना कहा जाता है, भारत में एक ऐसा विषय है जो अक्सर विवादों और चर्चाओं का केंद्र रहा है। जिसमें लोग जल्द से जल्द बहुत सारा पैसा कमाने के लिए संपत्ति या पैसे को दांव पर लगा देते है। कई बार यह आदत लत बन जाती है, जो व्यक्ति को गलत रास्ते पर ले जाती है। इसके परिणामस्वरूप चोरी, धोखाधड़ी,और कर्ज जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। आज के लेख में हम जुए व इसके कानूनी परिणामों के बारे में जानेंगे कि, सार्वजनिक जुआ अधिनियम (Public Gambling Act, 1867) क्या है? सट्टेबाजी के लिए कानून, धारा व सजा? भारत में कानूनी, गैरकानूनी जुआ और ऑनलाइन सट्टे की जानकारी?
सट्टेबाजी के कानूनों की जानकारी न होने के कारण बहुत से लोग अनजाने में कानून का उल्लंघन कर बैठते हैं और उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। इसलिए इस लेख में दी गई प्रत्येक जानकारी को समझना बहुत जरूरी है। इस लेख को पढ़ने के बाद, आप न केवल सट्टेबाजी के कानूनी पहलुओं को समझ पाएंगे, बल्कि यह भी जान पाएंगे कि इससे कैसे बचा जा सकता है।
विषयसूची
- जुआ क्या होता है - Gambling in Hindi?
- भारत में जुआ कानून - सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 (Public Gambling Act)
- कानूनी जुआ (Legal Gambling)क्या होता है?
- गैर-कानूनी जुआ (illegal Gambling) क्या है?
- सार्वजनिक जुआ अधिनियम (Public Gambling Act) के मुख्य प्रावधान
- भारत के कानून (गैंबलिंग एक्ट) के तहत जुए की सजा और जमानत
- जुआ व सट्टेबाजी के लिए कौन सी कानूनी धाराएं लागू होती हैं?
- इंडिया में जुए से जुड़े अन्य कानूनी प्रावधान
- ऑनलाइन जुआ (Online Betting) क्या है - ऑनलाइन जुआ कानूनी है?
- ऑनलाइन जुएं के प्रकार:-
- ऑनलाइन सट्टेबाजी (online betting) पर लागू होने वाला कानून
- अगर कोई व्यक्ति जुए की लत में फंस जाएं तो क्या करें?
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
जुआ क्या होता है - Gambling in Hindi?
जुआ (Gambling) एक ऐसा कार्य होता है, जिसमें इंसान किस्मत आजमाने के लिए पैसा या किसी चीज़ की बाजी (Bet) लगाता है। सरल भाषा में समझे तो यह एक ऐसा कार्य है, जैसे गली-मोहल्ले में ताश के पत्तों पर पैसा लगाना, लॉटरी टिकट खरीदना, या फिर क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाना। अगर किस्मत अच्छी है तो आप बहुत सारा पैसा जीत जाते है, वही अगर किस्मत साथ ना दे, तो सब कुछ खोने का खतरा भी पैदा हो जाता है।
भारत में कुछ जुए या सट्टेबाजी को कानूनी व कुछ को गैर-कानूनी माना जाता है, आइये इन दोनों के बारे में विस्तार से जानते है:-
कानूनी जुआ (Legal Gambling)क्या होता है?
हमारे देश में कुछ जुए ऐसे होते है, जिन्हें सरकार द्वारा कानूनी रुप से मान्यता (Recognition) प्राप्त होती है, जो कि इस प्रकार है:
- घोड़ो की दौड़ पर सट्टा लगाना: घोड़ों की दौड़ को एक अनुभव व कौशल (Skill) वाला खेल माना जाता है। इसलिए इस पर सट्टा लगाना कानूनी (Legal) माना जाता है।
- लॉटरी: कई राज्य सरकारें अपनी खुद की लॉटरी जारी करती हैं। यह सरकार द्वार नियंत्रित की जाने वाली गतिविधि है और इसे कानूनी रूप से अनुमति दी जाती है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र, सिक्किम, और केरल में सरकारी लॉटरी कानूनी रुप से चलाई जाती है।
- कसिनो: गोवा, सिक्किम जैसे राज्यों में कसिनो को कानूनी रुप से मान्यता दी गई है। ये राज्य अपने कसिनो को सख्त निगरानी के तहत जारी रखवाते हैं।
- फैंटेसी स्पोर्ट्स और स्किल गेम्स: रमी, पोकर, और फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसी गतिविधियों को "कौशल आधारित" (Skill Based) माना जाता है और इन्हें कानूनी माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कौशल आधारित खेलों को जुए की श्रेणी से अलग माना है।
गैर-कानूनी जुआ (illegal Gambling) क्या है?
Public Gambling Act, 1867 के तहत भारत में बहुत सारे कार्यों को गैर-कानूनी जुआ (Illegal Gambling) माना जाता हैं। गैर-कानूनी जुआ में शामिल हैं:
- सार्वजनिक स्थानों पर जुआ खेलना: यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों (Public Places) जैसे बाजार, बस स्टैंड, पार्क आदि में ताश या अन्य जुआ गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, तो यह कानूनी रुप से अपराध माना जाता है।
- स्पोर्ट्स बेटिंग: क्रिकेट, फुटबॉल, या अन्य खेलों पर सट्टा लगाना गैर-कानूनी है। हालांकि, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इस सट्टे के लिए अभी साफ तौर पर कोई विशेष कानून नहीं बनाया गया है।
- गैर-लाइसेंस प्राप्त लॉटरी: किसी भी निजी या बिना लाइसेंस वाली लॉटरी की दुकानों से लॉटरी खरीदना अवैध या गैर-कानूनी माना जाता है।
- अनधिकृत ऑनलाइन सट्टेबाजी: कुछ ऑनलाइन जुआ प्लेटफॉर्म जो सरकारी लाइसेंस के बिना चलाए जाते है उन्हें भी गैर-कानूनी माना जाता हैं।
भारत में जुआ कानून - सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 (Public Gambling Act)
भारत में सट्टेबाजी या जुए के अपराधों के लिए सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 (Public Gambling Act) को लागू किया गया है, यह अधिनियम ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बनाया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य जुआ घरों (Gambling Houses) को प्रतिबंधित (Prohibited) करना था। हालांकि, यह अधिनियम केवल उन राज्यों में लागू होता है जहां इसे विशेष रूप से अपनाया गया है। जुआ राज्यों का विषय होता है, इसलिए राज्य सरकारें अपने-अपने कानून बना सकती हैं।
सार्वजनिक जुआ अधिनियम (Public Gambling Act) के मुख्य प्रावधान
- जुआ घरों पर प्रतिबंध: यह अधिनियम किसी भी सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलने व बिना लाइसेंस के चलने वाले जुआ घरों पर प्रतिबंध लगाता है।
- जुआ की परिभाषा: इस अधिनियम में जुआ को उन खेलों के रूप में परिभाषित किया गया है, जिनमें मुख्य रूप से भाग्य (Luck) पर होती है। कौशल आधारित खेलों (Skill-based Games) को इससे बाहर रखा गया है। भाग्य आधारित खेल जैसे ताश, डाइस आदि इस कानून के अंतर्गत आते हैं।
- जुर्माना और सजा यदि कोई व्यक्ति जुआ घर (Gambling House) चलाने का दोषी (Guilty) पाया जाता है, तो उसे ₹200 तक का जुर्माना या 3 महीने तक की जेल हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति जुआ खेलते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे ₹100 तक का जुर्माना या 1 महीने तक की जेल हो सकती है।
- पुलिस के अधिकार: इस अधिनियम के तहत पुलिस को जुआ घरों पर छापा मारने और वहां मौजूद लोगों को गिरफ्तार (Arrest) करने का अधिकार होता है। पुलिस बिना वारंट के भी जुआ घरों की तलाशी ले सकती है। जुआ घर में पाए गए सभी सामानों को भी जब्त करने का प्रावधान है।
- राज्यों की स्वतंत्रता: जुआ अधिनियम (Gambling Act) के तहत राज्य सरकारों को अपने-अपने क्षेत्र में सट्टेबाजी को नियंत्रित करने की स्वतंत्रता है। कुछ राज्यों ने इसे सख्ती से लागू किया है। उदाहरण: गोवा और सिक्किम में कैसिनो की अनुमति है।
भारत के कानून (गैंबलिंग एक्ट) के तहत जुए की सजा और जमानत
जुआ खेलने या इससे संबंधित अन्य अपराधों के लिए पकड़े जाने पर दिए जाने वाली सजा और जमानत के प्रावधान इस प्रकार है:-
1. सार्वजनिक स्थानों पर सट्टेबाजी की सजा: यदि कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान जैसे सड़क, पार्क, होटल, या अन्य खुली जगह पर लोग जुआ खेलते पाए जाते हैं, तो इसे गैरकानूनी माना जाता है। जिसमें दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 के अनुसार पहली बार अपराध करने पर जुर्माना (Fine) ₹200 तक हो सकता है या 3 महीने तक की कैद हो सकती है।
यदि कोई व्यक्ति बार-बार इस अपराध को करते है, तो सजा और जुर्माने की राशि (Amount) बढ़ सकती है। इसमें राज्य कानूनों के तहत दंड अलग-अलग भी हो सकता है।
गिरफ्तारी और बेल
सार्वजनिक स्थानों पर जुआ खेलते पाए जाने पर गिरफ्तारी की जा सकती है। यह अपराध जमानती (Bailable) होते है, यानी ऐसे अपराधों के लिए पुलिस स्टेशन में ही जमानत (Bail) मिल सकती है।
2. घर पर जुआ खेलने पर दंड: यदि घर में जुआ खेला जाता है और यह केवल मनोरंजन के लिए खेला जाता है, तो इसे अपराध नहीं माना जाता है। लेकिन यदि घर में सट्टेबाजी को पैसे कमाने के लिए बड़े तौर पर शुरु किया जाता है तो यह अपराध माना जाता है।
यदि घर को जुआ घर के रूप में उपयोग किया जा रहा है, तो मालिक को ₹500 तक का जुर्माना या 6 महीने तक की कैद हो सकती है। वहां जुआ खेलने वाले व्यक्तियों पर ₹200 तक का जुर्माना या 3 महीने तक की कैद हो सकती है।
कई राज्यों में इसके लिए अलग से बहुत ही सख्त प्रावधान (Strict Provisions) हैं। जैसे महाराष्ट्र में बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ गैम्बलिंग एक्ट, 1887 लागू है, जिसके तहत भारी जुर्माने और सजा का प्रावधान है।
गिरफ्तारी और बेल
घर पर सट्टेबाजी करने के मामलों में गिरफ्तारी हो सकती है। यदि घर में अवैध रुप से सट्टेबाजी की जाती है, तो यह अपराध गैर-जमानतीय (Non-Bailable) भी हो सकता है, जिसमें जमानत अदालत के आदेश पर दी जाएगी।
4. अवैध जुआ घर चलाने की सजा: यदि किसी स्थान को जुआ खेलने के लिए विशेष रूप से उपयोग किया जाता है, तो इसे जुआ घर (Gambling House) माना जाता है। यहां बड़े स्तर पर सट्टेबाजी, जुआ खेलने या जुए का सामान रखने पर कानून का उल्लंघन (Violation) होता है।
जुआ घर चलाने पर ₹500 तक का जुर्माना या 6 महीने तक की कैद हो सकती है। इसके अलावा अन्य राज्यों में कठोर प्रावधान हो सकते हैं, जैसे कि महाराष्ट्र में, जुआ घर चलाने पर 2 साल तक की कैद और भारी जुर्माने का प्रावधान है।
गिरफ्तारी और बेल
इस अपराध में भी आरोपी व्यक्ति की गिरफ्तारी की जा सकती है। यह गैर-जमानतीय (Non-Bailable) अपराध हो सकता है, खासकर जब इसमें कई लोगों द्वारा समूह (Group) में खेलने वाली सट्टेबाजी शामिल हो।
जुआ व सट्टेबाजी के लिए कौन सी कानूनी धाराएं लागू होती हैं?
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं जो सट्टेबाजी के अपराध करने वाले व्यक्तियों पर लागू होती हैं:-
बीएनएस धारा 297: गैरकानूनी लॉटरी चलाना
यदि कोई व्यक्ति सरकार की अनुमति के बिना सार्वजनिक लॉटरी (Public Lotteries) को बेचता या खरीदता है, तो इसे अपराध माना जाता है।
सजा: इस धारा के तहत दोषी पाये जाने वाले व्यक्ति को छह महीने तक के कारावास (Imprisonment) या जुर्माने या दोनों की सजा से दंडित (Punished) किया जाता है।
बीएनएस धारा 318: धोखाधड़ी से संपत्ति प्राप्त करना
यदि कोई व्यक्ति धोखाधड़ी (Fraud) का सहारा लेकर सट्टेबाजी के माध्यम से किसी अन्य की संपत्ति को हड़पता है, तो यह गंभीर अपराध है।
सजा: इसमें दोषी व्यक्ति को सात साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।
बीएनएस धारा 3 (6) : समान इरादे से किया गया अपराध
यदि एक से अधिक लोग मिलकर जुए को अवैध रुप से चलाने में शामिल होते हैं, तो यह धारा लागू होती है।
सजा: इसमें दोषी को किए गए अपराध के अनुसार दंड मिलता है।
इंडिया में जुए से जुड़े अन्य कानूनी प्रावधान
आईटी अधिनियम, 2000: ऑनलाइन सट्टेबाजी पर रोक लगाने के लिए यह कानून लागू होता है। इसके तहत अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाती है।
ऑनलाइन जुआ (Online Betting) क्या है - ऑनलाइन जुआ कानूनी है?
ऑनलाइन सट्टेबाजी का मतलब इंटरनेट के द्वारा जुए में भाग लेना होता है। भारत में ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी पर विशेष रुप से कोई कानून नहीं है। हालांकि, कुछ राज्य इसे अवैध मानते हैं और इसके लिए विशेष प्रावधान लागू करते हैं।
ऑनलाइन जुआ के मामलों में सजा और दंड राज्य कानूनों के आधार पर निर्धारित होता है। कई राज्यों ने ऑनलाइन जुआ प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया है और सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया है।
उदाहरण:
- सिक्किम और नागालैंड: इन राज्यों में ऑनलाइन सट्टेबाजी को कुछ शर्तों के साथ वैध (Valid) किया गया है।
- तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, और तेलंगाना: इन राज्यों में ऑनलाइन सट्टेबाजी सख्त रूप से प्रतिबंधित है।
ऑनलाइन जुएं के प्रकार:-
- ऑनलाइन कैसीनो: कार्ड गेम, स्लॉट मशीन आदि।
- सट्टेबाजी: खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, आदि पर पैसा लगाना।
- ऑनलाइन लॉटरी: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लॉटरी खरीदना।
- फैंटेसी गेम्स: कौशल आधारित खेलों में टीम बनाकर पैसे व इनाम जीतना।
ऑनलाइन सट्टेबाजी (online betting) पर लागू होने वाला कानून
आईटी अधिनियम, 2000: यह अधिनियम ऑनलाइन गतिविधियों को नियंत्रित (Control) करता है। यह अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को ब्लॉक करने और उनके संचालन (Operations) पर सख्त कार्रवाई करने की अनुमति देता है।
अगर कोई व्यक्ति जुए की लत में फंस जाएं तो क्या करें?
जुआ या सट्टेबाजी एक ऐसी लत (Addiction) होती है, जो मनोरंजन के लिए शुरू होती है, लेकिन यह कई बार आर्थिक और मानसिक समस्याओं (Financial & Mental Problems) का कारण बन सकती है। यदि आप या आपका कोई करीबी सट्टेबाजी में फंस गया है, तो इससे बाहर निकलने के लिए सही कदम उठाना बहुत ही जरूरी है। आइये ऐसी बुरी लत से बचने के लिए कुछ उपयोगी उपायों को सरल भाषा में जानते है।
- जुआ एक बहुत ही बुरी लत होती है, जिससे बचने के लिए किसी अच्छे मनोवैज्ञानिक (Psychologist) से संपर्क करें व अपने सट्टेबाजी की लत से बाहर निकलने के लिए काउंसलिंग लें।
- सट्टेबाजी में अक्सर लोग अपने सारे पैसे गंवा देते हैं। ऐसे में आपने कितने पैसे गवाएँ है, इस बात की अच्छे से जांच करें व उनका हिसाब रखें। यदि आप पर कर्ज ज्यादा हो गया है तो अपने कर्ज को संभालने के लिए किसी विशेषज्ञ (Expert) से सलाह लें।
- यदि आप सट्टेबाजी की लत में फंसे हैं, तो उन लोगों और स्थानों से दूरी बना ले जो आपको जुआ खेलने के लिए कहते है।
- यदि आप ऑनलाइन जुआ खेलते हैं, तो अपने सभी खातों को आज ही बंद करें।
- अपने परिवार और दोस्तों से बात करें और उनकी मदद लें।
- यदि सट्टेबाजी के कारण कोई कानूनी समस्या उत्पन्न हो गई है, तो तुरंत वकील से संपर्क करें। सट्टेबाजी की अवैध गतिविधियों में फंसने पर किसी अनुभवी वकील की मदद लेकर आप इस समस्या से अपना बचाव कर सकते है।
अगर आप सट्टेबाजी या जुए के किसी अपराध में फंस गए है, और आगे की कार्यवाही के विषय में जानकारी या कानूनी सलाह (Legal Help) पाना चाहते है, तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। इस लिंक पर क्लिक कर आप हमारे अनुभवी वकीलों (Experienced Lawyer) से घर बैठे तुरन्त सहायता प्राप्त कर सकते है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या भारत में जुआ खेलना कानूनी है?
भारत में जुआ कानून राज्यों का विषय है। सार्वजनिक जुआ खेलना अधिकतर गैर-कानूनी होता है, लेकिन कुछ गतिविधियां, जैसे घोडो की दौड़ पर सट्टा, लॉटरी, और कौशल आधारित खेल (जैसे रमी, फैंटेसी स्पोर्ट्स) कानूनी हैं।
सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलने पर क्या सजा है?
सार्वजनिक स्थानों पर जुआ खेलते पाए जाने पर Public Gambling Act, 1867 के तहत जुर्माना या छह महीने तक की कैद की सजा हो सकती है।
क्या सभी राज्यों में सट्टेबाजी के लिए समान कानून हैं?
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए अभी विशेष तौर पर कोई खास कानून नहीं है। कुछ राज्यों ने इसे प्रतिबंधित भी किया है।
क्या विदेशी नागरिक भारत में जुआ खेल सकते हैं?
विदेशी नागरिक उन राज्यों में जुआ खेल सकते हैं जहां यह कानूनी है, जैसे गोवा और सिक्किम में कैसिनो।
क्या कोई व्यक्ति अवैध जुआ गतिविधियों की रिपोर्ट कर सकता है?
हां, कोई भी व्यक्ति पुलिस या स्थानीय अधिकारियों को अवैध सट्टेबाजी की गतिविधियों की सूचना दे सकता है।