जानिए क्या है नया मोटर वाहन कानून
April 01, 2024एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा Read in English
विषयसूची
भारत का सड़क नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े सड़क नेटवर्क में से एक है, और आश्चर्य की बात तो यह है कि विश्व में होने वाली सड़क दुर्घटनायें भी सबसे ज्यादा भारत में ही होती हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए देश में यातायात नियम भी सख्त और व्यापक होने चाहिए। सड़क परिवहन वाहनों को विनियमित करने के लिए, भारत में 1988 में संसद द्वारा मोटर वाहन अधिनियम पारित किया गया था। यातायात, वाहन बीमा, दंड, परमिट, वाहनों के पंजीकरण आदि के क्रियाकलापों को अधिनियम के तहत कवर किया गया है।
सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए, भारत सरकार (राज्य परिवहन मंत्रियों के परामर्श से) ने 2017 में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक पेश किया। लोकसभा ने उक्त विधेयक 2017 को पारित कर दिया और 31 जुलाई 2019 को राज्यसभा द्वारा भी मंजूरी दे दी गई। नए कानूनों और नियमों को सूचीबद्ध करने वाली अधिसूचना 28 अगस्त, 2019 को परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी। हालांकि, यह नया मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 आने वाली 1 सितंबर, 2019 से पूरे देश में लागू होने वाला है।
अब, सड़क पर प्रत्येक चालक / यात्री को पहले से अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। कानून तोड़ने पर दंड में महत्वपूर्ण परिवर्तन और महत्वपूर्ण नए मोटर वाहन कानूनों और दंड को इस लेख में समझाया गया है।
संसोधन के बाद बढ़ी हुई सजा
जैसी कि उम्मीद थी, ड्राइविंग में त्रुटियों के लिए दंड बढ़ाया गया है। अब, खराब ड्राइविंग एक व्यक्ति को उसकी जेब में एक बहुत बड़ा खर्च कर सकती है। कुछ विशिष्ट दंड नीचे दिए गए हैं
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खतरनाक ड्राइविंग के लिए जुर्माना (जिसमें लाल बत्तियाँ कूदना, स्टॉप के संकेतों का उल्लंघन करना, यातायात के अधिकृत प्रवाह के खिलाफ ड्राइविंग) शामिल हैं
पहली बार अपराध - छह महीने से एक वर्ष तक कारावास और / या रुपये 1000 - 5000 तक का जुर्माना।
बाद के अपराध - 2 वर्ष तक कारावास और / या 10,000 रुपये तक का जुर्माना
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शराब के नशे में ड्राइविंग करने के लिए जुर्माना
पहली बार अपराध - छह महीने का कारावास और / या 10,000 रुपये तक का जुर्माना
बाद के अपराध - दो वर्ष का कारावास और / या रुपये 15,000 तक का जुर्माना
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तेज गति और रेस करने के लिए जुर्माना
पहली बार अपराध - एक महीने का कारावास और / या 500 रुपये तक का जुर्माना
बाद के अपराध - 1500 रुपये का जुर्माना।
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बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर जुर्माना:
पहली बार अपराध - 3 महीने तक कारावास और / या 2000 रुपये तक का जुर्माना
बाद के अपराध - 3 महीने तक कारावास और / या रुपये 4000 तक जुर्माना
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बिना लाइसेंस / परमिट के गाड़ी चलाने पर जुर्माना
5000 रुपये का जुर्माना
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दुर्घटनाओं से संबंधित अपराधों के लिए जुर्माना
पहली बार अपराध - 6 महीने तक कारावास और / या रुपये 5000 तक जुर्माना
बाद के अपराध - 1 वर्ष तक कारावास और / या 10,000 रुपये तक का जुर्माना
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ड्राइविंग के लिए दंड जब ड्राइवर मानसिक या शारीरिक रूप से ड्राइविंग करने के लिए अयोग्य हो
पहली बार अपराध - 1,000 रुपये तक का जुर्माना
बाद के अपराध - रुपये 2,000 तक का जुर्माना
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यातायात के मुक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न करने के लिए जुर्माना
500 रुपये का जुर्माना
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हेलमेट या सीटबेल्ट न पहनने पर जुर्माना
1000 रुपये का जुर्माना
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उन अपराधों के लिए जुर्माना जहां कोई जुर्माना स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है
पहली बार अपराध - 500 रुपये
बाद के अपराध - 1500 रुपये
2019 के संशोधन से पहले और बाद में मोटर वाहन अधिनियम के तहत दंड की तुलना
दंड |
पुरानी राशि |
नई राशि |
ऐसे अपराध जहां कोई विशिष्ट दंड प्रदान नहीं किया जाता है |
पहले अपराध के लिए 100 रुपये का जुर्माना |
पहले अपराध के लिए 500 रुपये का जुर्माना |
सड़क नियमों का उल्लंघन |
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500 रुपये से 1000 रुपये तक |
बिना टिकट यात्रा करना |
200 रुपये |
500 रुपये |
प्राधिकरण के आदेशों का पालन नहीं करना और जानकारी साझा करने से इंकार करना |
500 रुपये |
2000 रुपये |
बिना लाइसेंस के वाहनों का अनाधिकृत उपयोग |
1000 रुपये |
5000 रुपये |
बिना लाइसेंस के वाहन चलाना |
500 रुपये |
5000 रुपये |
अयोग्यता के बावजूद ड्राइविंग करना |
500 रुपये |
10000 रुपये |
तेज गति से वाहन चलाना |
400 रुपये |
1000 - 2000 रुपये - हल्के मोटर वाहन के लिए, |
खतरनाक ड्राइविंग करना |
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पहले अपराध के लिए 6 महीने से 1 साल तक की कैद और / या 1000 - 5000 रुपये का जुर्माना |
नशे में धुत्त होकर गाड़ी चलाना |
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पहले अपराध के लिए 6 महीने तक कारावास और / या 10000 रुपये तक का जुर्माना |
मानसिक या शारीरिक रूप से अनफिट होने पर ड्राइविंग करना |
पहले अपराध के लिए 200 रुपये |
पहले अपराध के लिए 1000 रुपये |
दुर्घटना से संबंधित अपराध |
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पहले अपराध के लिए 6 महीने तक की कैद और / या 5000 रुपये तक का जुर्माना |
रेस और तेज गति से वाहन चलाने पर |
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पहले अपराध के लिए 1 महीने तक का कारावास और / या 500 रुपये तक का जुर्माना |
बिना इंश्योरेंस के वाहन चलाना |
1000 रुपये का जुर्माना और / या 3 महीने तक की सजा |
पहले अपराध के लिए 2000 रुपये तक का जुर्माना और / या 3 महीने तक का कारावास |
बिना कानूनी अधिकार के वाहन ले जाना और बल द्वारा मोटर वाहन को जब्त करना |
500 रुपये |
5000 रुपये |
यातायात के मुक्त प्रवाह में रुकावट उत्पन्न करने के लिए |
50 रुपये |
500 रुपये |
संशोधन अधिनियम में कई नए दंड भी निर्धारित किए गए हैं जो कि इस प्रकार हैं
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अत्यधिक यात्रियों को ले जाने के लिए जुर्माना (यानी पंजीकरण प्रमाणपत्र में अधिकृत से अधिक):
200 रुपये प्रति अतिरिक्त यात्री का जुर्माना
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ड्राइविंग करते समय सुरक्षा बेल्ट का उपयोग करने में विफलता के लिए जुर्माना
1,000 रुपये का जुर्माना
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14 बर्ष से कम उम्र के बच्चों को बिना सुरक्षा व्यवस्था के साथ में बैठाने के लिए दंड
1,000 रुपये का जुर्माना
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मोटरसाइकिल / दुपहिया वाहन पर चालक के आलावा एक से अधिक लोगों को बैठकर चलाने के लिए दंड
1,000 रुपये का जुर्माना और तीन महीने की अवधि के लिए लाइसेंस की अयोग्यता
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आपातकालीन वाहनों (अग्निशमन सेवा वाहनों और एम्बुलेंस सहित) के लिए मुफ्त मार्ग की अनुमति में विफलता के लिए जुर्माना
6 महीने तक का कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना
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हॉर्न या / हॉर्न फ्री / साइलेंट ज़ोन’ में अनावश्यक और निरंतर आवाज़ लगाने के लिए जुर्माना
अपराध: 1,000 रुपये का जुर्माना
बाद का अपराध: 2000 रुपये का जुर्माना
अधिनियम की शर्तों के अनुसार उल्लिखित जुर्माने में सालाना 10% तक की वृद्धि की जा सकती है।
नए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 की अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं
ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण
अब, एक व्यक्ति अपने ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए उसकी वास्तविक समाप्ति से एक साल पहले और वास्तविक समाप्ति के एक साल बाद तक आवेदन कर सकता है। इसका अर्थ है, कि यदि आपका ड्राइविंग लाइसेंस दिसंबर 2020 में समाप्त होने वाला है, तो आप दिसंबर 2019 से दिसंबर 2021 तक नवीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति लाइसेंस की समाप्ति के एक वर्ष के बाद आवेदन करता है, तो उसे ड्राइविंग लाइसेंस के लिए फिर से टेस्ट देने की आवश्यकता होगी।
आवासीय पते में परिवर्तन
अब, कोई व्यक्ति अपने ड्राइविंग लाइसेंस में उल्लिखित व्यवसाय के या आवासीय पते को ऑनलाइन बदल सकता है, और राज्य के भीतर किसी भी पंजीकरण प्राधिकारी के पास इसके लिए आवेदन कर सकता है।
यदि नाबालिग बच्चे मोटर वाहन चलाते हैं
1 सितंबर 2019 के बाद मोटर वाहन अधिनियम में संसोधन होने के बाद यदि आप अपने नाबालिग बच्चों को कार या मोटर साइकिल की चाबी देते हैं, तो यह आपको काफी महंगा पड़ सकता है, इसके लिए आप न केवल मौद्रिक रूप से दण्डित किये जा सकते हैं, बल्कि आपकी कार और लाइसेंस को जब्त भी किया जा सकता है, और आप जेल भी जा सकते हैं। नए संशोधन अधिनियम के अनुसार, यदि कोई नाबालिग बच्चा मोटर वाहन का उपयोग करता है, तो आपके वाहन का पंजीकरण पूरे एक वर्ष के लिए रद्द किया जा सकता है, और एक वर्ष पूरा हो जाने पर, आपको अपने वाहन के पंजीकरण के लिए नए आवेदन दस्तावेज जमा करने होंगे।
अधिनियम में दो नए खंड - धारा 199 अ और 199 ब सम्मिलित किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि अभिभावक को 25,000 रुपये और 3 साल तक के कारावास से दण्डित किया जा सकता है। इतना ही नहीं, यहां तक कि आपके नाबालिग बच्चे को 25 वर्ष की आयु तक अपना ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ये सख्त दंड देश में अंडरएज ड्राइविंग की बड़ी समस्या को रोकने के लिए लगाए गए हैं।
केवल 2018 में ही, भारत में सड़क पर होने वाली मौतों की संख्या 1.49 लाख थी। यह देश के लिए चिंता का एक बहुत बड़ा कारण है, और इसे केवल कड़े कानूनों और उच्चतर दंडों से ही कम किया जा सकता है, जो यह सुनिश्चित करते हैं, कि व्यक्ति अधिक सुरक्षित तरीके से ड्राइव करते हैं, साथ ही यह सुनिश्चित करने के प्रयासों के साथ, कि सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को समय पर उपचार दिया जाता है, ताकि मृत्यु से भी बचा जा सके। इस कारण से, संशोधन अधिनियम में यह भी कहा गया है, कि सरकार सही समय पर सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को कैशलेस उपचार के लिए योजनाएं प्रदान करेगी।
ये गाइड कानूनी सलाह नहीं हैं, न ही एक वकील के लिए एक विकल्प
ये लेख सामान्य गाइड के रूप में स्वतंत्र रूप से प्रदान किए जाते हैं। हालांकि हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करते हैं कि ये मार्गदर्शिका उपयोगी हैं, हम कोई गारंटी नहीं देते हैं कि वे आपकी स्थिति के लिए सटीक या उपयुक्त हैं, या उनके उपयोग के कारण होने वाले किसी नुकसान के लिए कोई ज़िम्मेदारी लेते हैं। पहले अनुभवी कानूनी सलाह के बिना यहां प्रदान की गई जानकारी पर भरोसा न करें। यदि संदेह है, तो कृपया हमेशा एक वकील से परामर्श लें।