धारा 9 -दण्ड प्रक्रिया संहिता (Section 9 Crpc in Hindi - Dand Prakriya Sanhita Dhara 9)


विवरण

(1)राज्य सरकार प्रत्येक सेशन खण्ड के लिए एक सेशन न्यायालय स्थापित करेगी।
(2) प्रत्येक सेशन न्यायालय में एक न्यायाधीश पीठासीन होगा, जो उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
(3) उच्च न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीशों को भी सेशन न्यायालय में अधिकारिता का प्रयोग करने के लिए नियुक्त कर सकेगा।
(4) उच्च न्यायालय द्वारा एक सेशन खण्ड के सेशन न्यायाधीश को दूसरे खण्ड का अपर सेशन न्यायाधीश भी नियुक्त किया जा सकता है और ऐसी अवस्था में वह मामलों को निपटाने के लिए दूसरे खण्ड के ऐसे स्थान या स्थानों में बैठ सकता है। जिनका उच्च न्यायालय निदेश दे।
(5) जहां किसी सेशन न्यायाधीश का पद रिक्त होता है वहां उच्च न्यायालय किसी ऐसे अर्जेन्ट आवेदन के, जो उस सेशन न्यायालय के समक्ष किया जाता है या लंबित है, अपर या सहायक सेशन न्यायाधीश द्वारा, अथवा यदि अपर या सहायक सेशन न्यायाधीश नहीं है तो सेशन खंड के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा निपटाए जाने के लिए व्यवस्था कर सकता है और ऐसे प्रत्येक न्यायाधीश या मजिस्टेªट को ऐसे आवेदन पर कार्यवाही करनेे की अधिकारिता होगी।
(6) सेशन न्यायालय सामान्यतः अपनी बैठक ऐसे स्थान या स्थानों पर करेगा जो उच्च न्यायालय अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे किंतु यदि किसी विशेष मामले में, सेशन न्यायालय की यह राय है कि सेशन खण्ड में किसी अन्य स्थान में बैठक करने से पक्षकारों और साक्षियों से सुविधा होगी तो वह अभियोजन और अभियुक्त की सहमति से उस मामले को निपटाने के लिए या उसमें साक्षी या साक्षियों की परीक्षा करने के लिए उस स्थान पर बैठक कर सकता है।
स्पष्टीकरण- इस संहिता के प्रयोजनों के लिए ‘नियुक्ति’ के अंतर्गत सरकार द्वारा संघ राज्य के कार्यकलापों के संबंध में किसी सेवा या पद पर किसी व्यक्ति की प्रथम नियुक्ति, पद-स्थापना या पदोन्नति सरकार द्वारा किए जाने के लिए अपेक्षित है।


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