धारा 107 -दण्ड प्रक्रिया संहिता (Section 107 Crpc in Hindi - Dand Prakriya Sanhita Dhara 107)


विवरण

(1) जब किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को इतिला मिलती है कि संभाव्य है कि कोई व्यक्ति परिशांति भंग करेगा या लोक प्रशांति विक्षुब्ध करेगा या कोई ऐसा सदोष कार्य करेगा जिससे सम्भाव्यतः परिशांति भंग हो जाएगी या लोक प्रशांति विक्षुब्ध हो जाएगी तब यदि उसकी राय में कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार है तो वह, ऐसे व्यक्ति इसमें इसके पश्चात उपबंधित रीति से अपेक्षा कर सकता है कि वह कारण दर्शित करे कि एक वर्ष से अनधिक की इतनी अवधि के लिए, जितनी मजिस्ट्रेट नियत करना ठीक समझे, परिशांति कायम रखने के लिए उसे प्रतिभूओं सहित या रहित बंधपत्र निष्पादित करने के लिए आदेश क्यों न दिया जाए।

(2) इस धारा के अधीन कार्यवाही किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष तब की जा सकती है जब या तो वह स्थान जहां परिशांति भंग या विक्षोभ की आशंका है, उसकी स्थानीय अधिकारिता के अंदर है, या ऐसी अधिकारिता के अंदर कोई ऐसा व्यक्ति है जो ऐसी अधिकारिता के परे सम्भाव्यतः परिशांति भंग करेगा या लोक परिशांति विक्षुब्ध करेगा या यथापूर्वोक्त कोई सदोष कार्य करेगा।


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