आदरणीय वकील साहब जी आपको सादर प्रणाम स


सवाल

आदरणीय वकील साहब जी आपको सादर प्रणाम सर, सर मेरा एक मकान है जो अभी मेरे पिताजी के नाम है मेरे पिताजी को यह मकान मेरे पिताजी के नानी के द्वारा रजिस्टर्ड वसीयत के जरिए नानी जी का सेवा करके दवा दर्पण करके उनको मिला है! नानी ने मेरे पिताजी और माताजी के द्वारा किए गए सेवाओं से प्रसन्न होकर पिताजी के नाम पूरा मकान सन 2000 के पहले रजिस्टर्ड वसीयत कर दिया और कुछ वर्ष बाद स्वर्गवास हो गई! मेरे पिताजी की नानी की छह लड़कियां थी जिसका शादी नानाजी द्वारा नानाजी जीवन काल में ही हो गया था और नाना जी ने अपने जीवन काल में ही एक किता अंतिम रजिस्टर्ड वसीयत नानी जी के नाम कर दिया था कुछ दिन बाद पिताजी के नाना जी भी स्वर्गवास हो गए इस तरह पूरे मकान की मालकिन मेरे पिताजी की नानी हो गई और नानी जी ने बचपन से मेरे पिताजी को अपने साथ रखा है और पढ़ाया लिखाया और उसी मकान उससे शादी भी किया इस तरह कुछ दिन बाद जब पिताजी शादी के कुछ दिन बीत चुके तो इसी तरह नानी जी ने पापा को रजिस्टर्ड वसीयत कर दिया जिसमें अपने किसी भी लड़कियों को हिस्सा नहीं दिया और उनका कोई लड़का नहीं था तो अब कोई इस प्रॉपर्टी को मेरे सिवा नहीं ले

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आपकी समस्या का समाधान करने के लिए आपको एक बार मुझसे आकर मिलना होगा ताकि में आपकी परेशानी को अच्छे से समझ पाऊ और उस पर अच्छे से आपको कानूनी सलाह दे सकू। आपको चिंता करने की जरूरत नही है। हर परेशानी का समाधान होता है।







आपकी समस्या के समाधन की में पूरी कोशिश करूँगा।





धन्यवाद ।।


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