मैरिज सर्टिफिकेट कैसे बनवाएं
July 11, 2023एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा
विषयसूची
विवाह प्रमाण पत्र या मैरिज सर्टिफिकेट एक वैध कानूनी दस्तावेज होता है, जो किसी भी पति और पत्नी के वैवाहिक होने को प्रमाणित करता है। यह विवाहित महिलाओं के लिए एक आवश्यक दस्तावेज है, क्योंकि बर्ष 2006 में, सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए विवाह को पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया था।
भारत में, विवाह का पंजीकरण, हिंदू विवाह अधिनियम 1955 या विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत या पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936 के तहत किया जाता है। हिंदू विवाह अधिनियम केवल हिंदूओं जिसमें कि हिंदू के साथ – साथ बौद्ध, ब्रह्म और आर्य समाज के लोग भी शामिल होते हैं, पर लागू होता है, तथा विशेष विवाह अधिनियम देश के सभी धर्म जाति आदि के नागरिकों के लिए लागू होता है। पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, पारसी लोगों पर लागू होता है।
यहां पर एक ध्यान देने योग्य बात यह है, कि विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, वर या पुरुष की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए और वधू की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। विवाह प्रमाण पत्र एक प्रकार का कानूनी सबूत होता है, जिससे यह पता चलता है, कि आप शादीशुदा है। विवाह के बाद मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करने के विभिन्न लाभ भी हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे।
अपनी कानूनी समस्या के लिए वकील से बात करें
मैरिज सर्टिफिकेट कैसे बनवाएं
मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के मुख्य रूप से दो तरीके होते हैं-
1. ऑनलाइन
-
ऑनलाइन मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए गूगल में “मैरिज सर्टिफिकेट ऑनलाइन आवेदन दिल्ली” (अपने राज्य का नाम दर्ज करें) सर्च करें।
-
इसके बाद आपके सामने बहुत सारी वेबसाइट्स खुल कर आएंगी तो उन वेबसाइट्स में से आप सरकारी वेबसाइट का चयन करें। उदाहरण के लिए मैंने चुना है – https://edistrict.delhigovt.nic.in
-
इस वेबसाइट के होम पेज पर पंजीकरण के लिए एक “विवाह पंजीकरण” नामक विकल्प होगा, इस पर क्लिक करें।
-
जैसे ही आप क्लिक करेंगे, यह रजिस्टर करने के लिए कहेगा, आपको उस जगह में आधार कार्ड या मतदाता आई. डी. का चयन करना होगा जिसके माध्यम से आप पंजीकरण करना चाहते हैं। इसके बाद अपना अकाउंट बना दे तथा लॉग इन करें।
-
अब ‘विवाह का प्रमाणपत्र’ नाम के विकल्प पर क्लिक करें।
-
अब आपके सामने एक फॉर्म खुल कर आ जाएगा। इस फॉर्म में अपने विवाह और जीवनसाथी का विवरण प्रदान करें।
-
उसके बाद आपको नियुक्ति यानी कि अपॉइंटमेंट की तारीख का चयन करना होगा।
-
अब “आवेदन जमा करें” विकल्प पर क्लिक करें।
-
जैसे ही आप सबमिट करते हैं, आपके सामने एक पर्ची दिखाई देगी। आप इस पर्ची का प्रिंटआउट निकाल लें।
-
उसके बाद आप अपनी पत्नी सहित सभी दस्तावेज , जैसे शादी के कार्ड , तस्वीरें और गवाह आदि को साथ लेकर साक्षात्कार के लिए कार्यालय पर जाएं।
2. ऑफलाइन
-
आपको अपनी पत्नी और गवाहों के साथ एस. डी. एम. के कार्यालय जाना होगा।
-
अब यहां से मैरिज सर्टिफिकेट फॉर्म लें और इसे सही तरीके से विधिवत भरें।
-
फॉर्म भरने के बाद वहां जमा कर दें, और उसके पंजीकरण के लिए आवेदन करें।
-
जैसे ही आपका फॉर्म पंजीकृत हो जायेगा, वैसे ही आपको एक रजिस्टर्ड सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया जायेगा।
मैरिज सर्टिफिकेट हेतु आवश्यक दस्तावेज
सर्वप्रथम मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सबसे जरुरी दस्तावेज आधार कार्ड है। यदि पति और पत्नी में किसी एक का भी आधार कार्ड नहीं बना है, तो विवाह प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा। तो सबसे पहला दस्तावेज़ तो आधार कार्ड ही है।भारत में मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी –
1. पहचान प्रमाण - फोटो के साथ वर और वधू का आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, कोई अन्य सरकारी मान्यता प्राप्त दस्तावेज।
2. जन्म की तारीख - आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल से प्रिंसिपल द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र।
3. शादी से पूर्व तथा बाद का एड्रेस - फोटो के साथ वर और वधू का आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, कोई अन्य सरकारी मान्यता प्राप्त दस्तावेज।
4. गवाह का पहचान पत्र तथा एड्रेस – फोटो के साथ गवाहों का आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, कोई अन्य सरकारी मान्यता प्राप्त दस्तावेज।
अपनी कानूनी समस्या के लिए वकील से बात करें
भारत में विवाह पंजीकरण की आवश्यकता
-
शादी के बाद, अधिकांश पत्नियां अपना सरनेम बदल देती हैं, और अधिकतर वे अपने पति का सरनेम ही इस्तेमाल करती हैं। इसके कारण उन महिलाओं के नए नाम उनके पिछले दस्तावेज़ से मेल नहीं खाते हैं। शादी के बाद कानूनी रूप से दस्तावेजों मे अपना नाम बदलने के लिए आपके पास अपना विवाह प्रमाणपत्र होना बहुत जरूरी है।
-
यदि आप शादी के बाद अपने जीवनसाथी को अपने साथ स्वास्थ्य लाभ मे शामिल करना चाहते हैं, तो आपको ऐसे करने के लिए अपनी शादी का प्रमाण पत्र दिखाने की आवश्यकता होगी। केवल यह ही नहीं कई बीमा कंपनियों को उनका कवरेज पूरा करने के लिए विवाह प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है।
-
कई बार ऐसा होता है, कि शादी करने के बाद पति पूरी तरह से शादी से मुकर जाते हैं, और वे महिला को अपने घर से निकालने आदि की धमकी भी देते हैं, तो ऐसी स्तिथि में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, फिर चाहे उनको अपना हक पाना हो या फिर संपत्ति से संबंधित अधिकार। ऐसे में महिलाओं के लिए विवाह का पंजीकरण होना बहुत जरूरी है, ताकि वे कानूनी रूप से अपने अधिकार का दावा कर सकें, और न्यायालय में इन्साफ प्राप्त कर सकें।
-
आज के समय मे लोग अपनी जाति / धर्म से बाहर भी शादी करना चाहते हैं, जो कभी - कभी उनके परिवार या जाति के लोगों को स्वीकार नहीं होता है, ऐसे मामलों में, केवल एक विवाह प्रमाण पत्र ही उन लोगों की शादी को सुरक्षित रखता है, और उस शादी को कानूनी मान्यता भी प्रदान करता है, और किसी भी होने वाली प्रकार की जोर - जबरदस्ती से भी बचाता है।
-
अगर किसी व्यक्ति को किसी से शादी करने के लिए मजबूर किया गया है, तो वह व्यक्ति अपना विवाह प्रमाण पत्र बनवाते समय आसानी से इनकार भी कर सकता है, और इसे रजिस्ट्रार के सामने भी कह सकता है, इससे उस व्यक्ति की शादी पंजीकृत नहीं की जा सकेगी।
-
मैरिज रजिस्ट्रेशन करवाने से बाल विवाह पर भी रोक लगाई जा सकती है। यदि लड़की की उम्र कानून के तहत योग्य नहीं है, तो किसी भी तरीके से उस शादी को पंजीकृत नहीं किया जाएगा।
-
शादी के बाद पति की मृत्यु के मामले में भी, विवाह प्रमाण पत्र पत्नी को संपत्ति की विरासत की सुविधा प्रदान करता है।
-
यदि आप शादी के बाद पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं, या बैंक खाता खोलने के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आपको विवाह प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है।
-
भारत के साथ - साथ दूसरे देशों के विदेशी दूतावास पारंपरिक विवाह को मान्यता नहीं देते हैं, इसलिए दंपति को विदेश यात्रा करने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य होता है।
-
बीमाकर्ता या जमाकर्ता के निधन के बाद जीवन बीमा रिटर्न या बैंक मे जमा राशि का दावा पति या पत्नी मैरेज सर्टिफिकेट के बिना नहीं कर सकते हैं।
-
यदि आप विदेश यात्रा करना चाहते हैं, तो ऐसे मामलों में केवल मैरिज सर्टिफिकेट को ही विवाह के प्रमाण के रूप में लिया जाता है, न कि किसी फोटो या विडियो को जिसमे शादी को दिखाया गया है। नो सर्टिफिकेट का मतलब नो स्पाउस वीजा। कुछ देशों में वर्क - परमिट को इस आधार पर भी अस्वीकार किया जाता है, कि दम्पत्तियों के पास शादी का कोई भी सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं है।
ये गाइड कानूनी सलाह नहीं हैं, न ही एक वकील के लिए एक विकल्प
ये लेख सामान्य गाइड के रूप में स्वतंत्र रूप से प्रदान किए जाते हैं। हालांकि हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करते हैं कि ये मार्गदर्शिका उपयोगी हैं, हम कोई गारंटी नहीं देते हैं कि वे आपकी स्थिति के लिए सटीक या उपयुक्त हैं, या उनके उपयोग के कारण होने वाले किसी नुकसान के लिए कोई ज़िम्मेदारी लेते हैं। पहले अनुभवी कानूनी सलाह के बिना यहां प्रदान की गई जानकारी पर भरोसा न करें। यदि संदेह है, तो कृपया हमेशा एक वकील से परामर्श लें।