NSA Act In Hindi - रासुका क्या है कब लगती है इस कानून में सज़ा और जमानत



NSA Act जिसे रासुका अधिनियम के नाम से भी जाना जाता है यह एक बहुत ही सख्त कानून (strict law) है जिसे देश की सुरक्षा के लिए बनाया व लागू किया गया था। आज भी जब हमारे देश की सुरक्षा व सार्वजनिक व्यवस्था पर किसी प्रकार का संकट आता है या किसी प्रकार की हिंसा होने की संभावना होती है तो रासुका कानून का उपयोग किया जाता है। हम में से बहुत से लोग आज भी इस अधिनियम के नियमों व प्रावधानों (Rules & Provisions) से बिलकुल अंजान है, इसलिए आज हम आपको एनएसए एक्ट से जुड़ी हर उपयोगी जानकारी देंगे कि रासुका कानून क्या होता है (What is NSA Act In Hindi)?, ये कानून कब लागू होता है? रासुका कानून में सजा व जमानत कैसे मिलती है?


विषयसूची

  1. रासुका कानून क्या होता है - NSA Act in Hindi
  2. NSA Act (रासुका) के नियम और मुख्य प्रावधान
  3. एनएसए एक्ट कब लागू होता है - रासुका कब लगती है?
  4. रासुका कानून किन लोगों पर लागू होता है?
  5. NSA Act कौन लागू कर सकता है
  6. रासुका कानून कितनी अवधि के लिए लागू किया जा सकता है?
  7. सलाहकार बोर्ड का गठन क्यों किया जाता है और यह NSA Act में क्यों जरुरी है?
  8. हिरासत में लिया गये व्यक्ति के लिए अपने बचाव के लिए क्या उपाय है?
  9. रासुका कानून में सजा - NSA Act Punishment in Hindi
  10. National Security ACT में जमानत (Bail)?
  11. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

हमारे देश में बहुत सारे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग धर्मों व भाषाओं वाले लोग रहते है, जो हमारे देश की एकता व शांति का प्रतीक है। देश के सभी लोगों में ये शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने व देश में होने वाली किसी भी हिंसा (Violence) को रोकने के लिए बहुत सारे नियम व कानून बनाए जाते है। इसलिए आज हम जिस Rasuka Act के बारे में आपको बता रहे है, यह हमारे देश की सुरक्षा व देश में रहने वाले सभी लोगों के लिए बहुत जरुरी है। इसलिए इस NSA Act को पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को भी पूरा पढ़े।



रासुका कानून क्या होता है - NSA Act in Hindi

रासुका का मतलब होता है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, जिसे अंग्रेजी भाषा में NSA Act  भी कहा जाता है। भारत में यह कानून (Law) राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security), सार्वजनिक व्यवस्था और आवश्यक सेवाओं को प्रभावित करने वाले मामलों से निपटने के लिए व सरकार को महत्वपूर्ण शक्तियाँ (Power) प्रदान करने के लिए 1980 में भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू किया गया था। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका), एक बहुत ही सख्त कानून के रुप में जाना जाता है। इस कानून के तहत यदि सरकारों को किसी व्यक्ति के द्वारा देश में खतरा महसूस होता है तो उसे बिना किसी आरोप के हिरासत (Custody) में लिया जा सकता है।  

NSA की Full Form क्या होती है?

NSA का पूरा मतलब यानि Full Form होती है National Security ACT. जिसे हिन्दी में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून व रासुका के नाम से भी देश में जाना जाता है।



एनएसए एक्ट कब लागू होता है - रासुका कब लगती है?

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA Act उन लोगों पर लागू होता है जो देश की सुरक्षा व सार्वजनिक व्यवस्था के लिए किसी भी प्रकार का खतरा बनते है। इसका मतलब है कि सरकार को किसी व्यक्ति के द्वारा देश की सुरक्षा के लिए खतरा महसूस होता है तो उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लागू कर दिया जाता है। किसी व्यक्ति पर एनएसए एक्ट लागू होने के बाद उसे बिना किसी परीक्षण (Trial) व आरोप के गिरफ्तार (Arrest) करके 3 महीने तक बिना जमानत दिए हिरासत में रखा जा सकता है। जिसके बाद 3-3 महीने के तहत अधिकतम 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है।



रासुका कानून किन लोगों पर लागू होता है?

  • यदि किसी व्यक्ति से देश या राज्यों की सुरक्षा को खतरा हो।
  • ऐसे लोगों पर जिनके द्वारा किसी भी जगह पर हिंसा (Violence) फैलने का डर हो।
  • यदि कोई संदिग्ध विदेशी व्यक्ति बिना किसी कारण के देश में रुका हुआ है।
  • यदि कोई व्यक्ति समाज के लोगों को भड़काने का कार्य कर रहा हो।
  • अगर सरकार को यह लगता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था (Law & Order) में बाधा डालने की कोशिश करता है।
  • इस कानून में किसी वस्तु को जमा करने वाले जमाखोरों को भी हिरासत में लिया जा सकता है।


NSA Act कौन लागू कर सकता है

यदि देश के किसी भी क्षेत्र में ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न होती है जिसकी वजह से उस क्षेत्र या देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है तो राज्य सरकारों (State Governments) की अनुमति के द्वारा उस राज्य के जिले के दण्ड़ाधिकारी, या पुलिस कमीशनर द्वारा यह कानून लागू किया जा सकता है। 



रासुका कानून कितनी अवधि के लिए लागू किया जा सकता है?

जिस व्यक्ति को पर इस कानून का इस्तेमाल किया गया है यदि उसके गिरफ्तारी के प्रर्याप्त सबूत (Evidence) प्राप्त हो जाते है तो उसे एक वर्ष तक की कैद में रखा जा सकता है। जिसमें ना ही किसी प्रकार का बदलाव किया जा सकता है और जमानत (Bail) भी नहीं दी जाती है।

NSA Act कहा कहा पर लागू किया जा सकता है?

NSA Act केंद्र शासित प्रदेशों सहित भारत के पूरे क्षेत्र पर लागू किया जा सकता है। राज्य सरकारों के द्वारा भी किसी विशिष्ट परिस्थितियों में अपने अधिकार क्षेत्र में यह कानून लागू करने का अधिकार होता है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को केंद्र सरकार असाधारण परिस्थितियों में भी लागू कर सकती है।



NSA Act (रासुका) के नियम और मुख्य प्रावधान

  • एनएसए के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या जिससे देश को खतरा हो उस व्यक्ति को बिना मुकदमे के हिरासत में लिया जा सकता है। शांति बनाए रखने व देश को होने वाले संभावित खतरों से बचाने के लिए इसे एक आवश्यक कदम के रुप में देखा जाता है।  
  • इस कानून में हिरासत प्रक्रिया का दुरुपयोग ना हो इसलिए एक सलाहकार बोर्ड की स्थापना की जाती है। यह बोर्ड हिरासत में लिए गए व्यक्ति के मामले की समीक्षा करने के लिए इस बोर्ड का निर्माण किया जाता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अधिकतम 12 महीने के लिए ही हिरासत में रखने की अनुमति देता है।
  • अन्य आपराधिक मामलों में जहाँ जमानत एक कानूनी अधिकार (Legal Right) होता है, परन्तु राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों (Provisions) के तहत हिरासत में लिए गए लोगों को जमानत नहीं दी जाती।


सलाहकार बोर्ड का गठन क्यों किया जाता है और यह NSA Act में क्यों जरुरी है?

एनएसए कानून का दुरुपयोग ना हो और गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के लिए केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा सलाहकार समिति बनाई जाती है। जिसमे 3 सदस्य होते है।

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को सलाहकार समिति के सामने तीन सप्ताह के अंदर पेश करना होता है। इसके साथ ही सरकार को समिति के सामने उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने का कारण भी बताना पड़ता है कि उसे किस कारण से गिरफ्तार किया गया है। सलाहकार समिति सभी उपलब्ध तथ्यों के आधार पर विचार करती है।

  • सुनवाई होने के बाद सलाहकार समिति को 7 सप्ताह के अंदर सरकार के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
  • सलाह बोर्ड को अपनी रिपोर्ट में गिरफ्तारी के कारण जो सरकार के द्वारा बताए गए है वो पर्याप्त है या नहीं इस बारे में भी साफ साफ लिखा जाता है।
  • सलाहकार बोर्ड से जुड़े किसी भी मामले में गिरफ्तार व्यक्ति की और सो कोई वकील (lawyer) उसका पक्ष नहीं रख सकता।
  • सलाहकार बोर्ड की रिपोर्ट गोपनीय (Secret) रखने का प्रावधान होता है।


हिरासत में लिया गये व्यक्ति के लिए अपने बचाव के लिए क्या उपाय है?

रासुका कानून के तहत बनाया गया सलाहकार बोर्ड यदि गिरफ्तारी के कारणों को पर्याप्त या सही नहीं मानता है तो गिरफ्तारी के आदेश को रद्द करके उस व्यक्ति को रिहा (Released) कर दिया जाता है।  

NSA Act लागू होने के बाद यदि कोई व्यक्ति फरार हो जाए या भाग जाए?

जिस व्यक्ति पर यह कानून लागू हुआ हो अगर वो व्यक्ति भाग जाता है या फरार हो जाता है तो उस व्यक्ति को एक समय तक बताई गई जगह पर उपस्थित होने के आदेश (Order) जारी किए जाते है। अगर वो व्यक्ति इस आदेश का पालन नहीं करता है तो उस व्यक्ति के पकड़े जाने पर उसे एक साल के लिए सजा व जुर्माना जिसे बढ़ाया भी जा सकता है।  



रासुका कानून में सजा - NSA Act Punishment in Hindi

अकसर बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है कि रासुका में क्या सजा होती है?  इसलिए आप सभी का यह जानना जरुरी है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को पहले 3 महीने से लेकर 1 वर्ष तक हिरासत में रखने की सजा से दंडित किया जा सकता है।



National Security ACT में जमानत (Bail)?

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत Custody में लिए गए व्यक्ति को 3 महीने तक बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है। यदि गिरफ्तार के कारण सही पाए जाते है तो एक वर्ष तक कैद में रखा जा सकता है और जमानत भी नहीं मिल पाती।

वैसे तो इस कानून का बहुत से लोगों पर इस्तेमाल किया गया है लेकिन अभी कुछ समय पहले ही NSA act के कुछ मामले देखने को मिले है। जिनमें बिहार के एक Youtuber मनीष कश्यप पर यह कानून लागू किया गया था।

इसके अलावा 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृपाल सिंह व उसके कुछ सहयोगियों पर भी National Security Act लगा कर उन्हें हिरासत में लिया गया था।


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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA Act) क्या है?

National Security Act भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बनाया गया एक अधिनियम है, जिसमें सरकार व अधिकारियों को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले लोगों को रोकने के लिए उन्हें बिना किसी मुकदमे के हिरासत में लिया जा सकता है।



रासुका अधिनियम का उद्देश्य क्या है?

NSA Act (रासुका) का पहला उद्देश्य सरकार द्वारा ऐसे लोगों को रोकना है जो देश की सुरक्षा व संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल पाए जाते है।



राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत का आदेश कौन दे सकता है?

एनएसए एक्ट यानि रासुका के तहत हिरासत में लेने का आदेश जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस आयुक्त द्वारा जारी किए जा सकते हैं, जिनको इन शक्तियों का प्रयोग करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिकार प्राप्त होता है।



रासुका के तहत हिरासत की अधिकतम अवधि क्या है?

रासुका कानून के तहत हिरासत की अधिकतम अवधि 12 महीने की होती है।



क्या NSA Act के तहत हिरासत को 12 महीने से अधिक बढ़ाया जा सकता है?

एनएसए कानून के तहत हिरासत की अवधि वैसे तो 12 महीने की ही होती है। परन्तु यदि सरकार को हिरासत में लिए गए व्यक्ति के खिलाफ गिरफ्तारी के नए सबूत या कारण मिलते है तो इसे 12 महीने से ज्यादा के लिए भी बढ़ाया जा सकता है। 



क्या रासुका के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के लिए कोई कानूनी बचाव उपाय हैं?

हां, हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के पास कुछ कानूनी सुरक्षा उपाय हैं। उन्हें उनकी हिरासत के कारणों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए, और उन्हें सलाहकार बोर्ड के समक्ष अपना प्रतिनिधित्व करने का अधिकार है।



राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम भारत में अन्य कानूनों से कैसे अलग है?

एनएसए भारत के अन्य कानून से इसलिए अलग है क्योंकि यह Act बिना किसी मुकदमे के किसी व्यक्ति को लंबे समय तक हिरासत में रखने के अनुमति देता है। इसलिए इसे बहुत ही सख्त कानून भी माना जाता है।



क्या एनएसए अधिनियम के तहत हिरासत के खिलाफ समीक्षा या अपील का कोई प्रावधान है?

हां, रासुका में बचाव लिए राज्य सरकार द्वारा एक सलाहकार बोर्ड बनाया जाता है। जिसमें गिरफ्तार किया गया व्यक्ति अपने लिए बोर्ड के सामने गिरफ्तारी की समीक्षा के लिए कह सकता है। यदि बोर्ड हिरासत को कानूनी रुप से उचित पाता है, तो बंदी आगे उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।