अदालती विवाह और विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया


सवाल

अदालती विवाह और विवाह पंजीकरण के लिए क्या प्रक्रिया है?

उत्तर (1)


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अदालती विवाह विशेष शादी अधिनियम, 1954 के तहत सम्पन्न किए जाते हैं। एक जाति, धर्म या पंथ के बावजूद एक भारतीय पुरुष और एक महिला के बीच एक अदालती विवाह किया जा सकता है। यह विवाह एक भारतीय और एक विदेशी के बीच भी सम्पन्न हो सकता है।



अदालती विवाह की प्रक्रिया परंपरागत विवाहों के अनुष्ठानों और समारोहों से मुक्त होती है। दोनों पक्ष (वर और वधु) विवाह रजिस्ट्रार को सीधे विवाह के पंजीकरण और विवाह प्रमाण पत्र अनुदान के लिए आवेदन कर सकती हैं



न्यायालय विवाह के लिए आवश्यक शर्तें:

1. किसी भी पक्ष का किसी अन्य व्यक्ति के साथ वैध विवाह नहीं होना चाहिए।

2. दूल्हा इक्कीस (21) वर्ष का होना चाहिए और दुल्हन अठारह (18) वर्ष की आयु की होनी चाहिए।

3. दोनों पक्ष (वर और वधु) को स्वच्छ चित्त व स्वस्थ मस्तिष्क का होना चाहिए ताकि वे विवाह के लिए मान्य सहमति दे सके, या किसी प्रकार के मानसिक विकार से पीड़ित ना हो या शादी करने और बच्चों के प्रजनन के लिए योग्य हो, या पागलपन के आवर्ती हमलों के अधीन ना हो।

4. दोनों पक्ष (वर और वधु) को निषिद्ध रिश्ते की हद के भीतर नहीं आना चाहिए।



न्यायालय विवाह की प्रक्रिया जब दोनों पक्ष हिंदु हैं:

दोनों पक्ष (वर और वधु) को जिले के विवाह रजिस्ट्रार को निर्दिष्ट रूप में एक आशयित शादी की सूचना दर्ज करनी होगी जिस जिले में शादी का कम से कम एक पक्ष शादी की सूचना दर्ज करने के दिन से 30 दिन तक की अवधि के लिए रह रहा हो।

फिर रजिस्ट्रार द्वारा विवाद / आपत्तियों(यदि कोई हो) को आमंत्रित करते हुए सूचना / नोटिस प्रकाशित कर दिया जाता है।

जिस तिथि पर आशयित शादी का नोटिस प्रकाशित किया गया है, उस दिन से 30 दिनों की समाप्ति के बाद, शादी को सम्पन्न किया जा सकता है, अगर किसी भी व्यक्ति द्वारा कोई विरोध / आपत्ति दर्ज नहीं की जाती है।

शादी को निर्दिष्ट विवाह कार्यालय में सम्पन्न किया जा सकता है।

पंजीकरण के लिए शादी की तिथि पर तीन गवाहों के साथ दोनों पक्ष उपस्थित होने की आवश्यकता है।



न्यायालय विवाह के लिए आवश्यक दस्तावेज:

1. निर्धारित शुल्क के साथ निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र।

2. विवाह करने वाले दोनों पक्ष (वर और वधु) के पासपोर्ट साइज फोटो।

3. विवाह करने वाले दोनों पक्ष (वर और वधु) के आवासीय प्रमाण।

4. विवाह करने वाले दोनों पक्ष (वर और वधु) के जन्म तिथि का प्रमाण।

5. तीन साक्षियों के आवासीय प्रमाण और पैन कार्ड।

6. यदि दोनों पक्ष (वर और वधु) में से किसी एक का पहले का कोई विवाह था, तो मृत्यु प्रमाण पत्र या तलाक आदेश जो भी लागू हो।



 





 


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