धारा 507 आईपीसी - IPC 507 in Hindi - सजा और जमानत - अनाम संसूचना द्वारा आपराधिक अभित्रास।

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 507 का विवरण
  2. धारा 507 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 507 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 507 के अनुसार जो भी कोई अनाम संसूचना द्वारा या उस व्यक्ति का, जिसने धमकी दी हो, नाम या निवास-स्थान छिपाने का पूर्वोपाय करके आपराधिक अभित्रास का अपराध करेगा, तो उसे इस अपराध के लिए पूर्ववर्ती धारा 506 में उपबन्धित दण्ड के अतिरिक्त किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा ।

लागू अपराध
अनाम संसूचना द्वारा आपराधिक अभित्रास।
सजा - धारा 506 में उपबन्धित दण्ड के अतिरिक्त दो वर्ष कारावास।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : बेनामी संचार द्वारा आपराधिक धमकी या जहां खतरा आता है छुपाने के लिए एहतियात लिया


Punishment : धारा 506 + 2 वर्ष के रूप में


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 507 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 507 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 507 अपराध : बेनामी संचार द्वारा आपराधिक धमकी या जहां खतरा आता है छुपाने के लिए एहतियात लिया



आई. पी. सी. की धारा 507 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 507 के मामले में धारा 506 + 2 वर्ष के रूप में का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 507 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 507 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 507 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 507 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 507 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 507 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 507 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।