धारा 469 आईपीसी - IPC 469 in Hindi - सजा और जमानत - ख्याति को अपहानि पहुंचाने के आशय से कूटरचन्न

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 469 का विवरण
  2. धारा 469 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 469 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 469 के अनुसार जो कोई कूटरचना इस आशय से करेगा कि वह दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख] जिसकी कूटरचना की जाती है, किसी पक्षकार की ख्याति की अपहानि करेगी, या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि इस प्रयोजन से उसका उपयोग किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।

Offence : किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने या यह जानने के उद्देश्य से जालसाजी कि इसका उपयोग उस उद्देश्य के लिए किए जाने की संभावना है


Punishment : 3 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 469 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 469 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 469 अपराध : किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने या यह जानने के उद्देश्य से जालसाजी कि इसका उपयोग उस उद्देश्य के लिए किए जाने की संभावना है



आई. पी. सी. की धारा 469 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 469 के मामले में 3 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 469 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 469 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 469 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 469 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 469 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 469 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 469 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।