धारा 437 आईपीसी - IPC 437 in Hindi - सजा और जमानत - किसी तल्लायुक्त या बीस टन बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या असुरक्षित बनाने के आशय से कुचेष्टा।

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 437 का विवरण
  2. धारा 437 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 437 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 437 के अनुसार जो भी कोई किसी तल्लायुक्त जलयान या बीस टन या उससे अधिक बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या असुरक्षित बना देने के आशय से, या यह सभ्भाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा उसे नष्ट करेगा, या असुरक्षित बना देगा, उस जलयान की कुचेष्टा करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध
किसी तल्लायुक्त या बीस टन बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या असुरक्षित बनाने के आशय से कुचेष्टा।
सजा - दस वर्ष कारावास + आर्थिक दण्ड।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

यह समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : नष्ट करने या असुरक्षित एक सजा पोत या 20 टन बोझ के एक पोत बनाने के इरादे से शरारत


Punishment : 10 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय





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IPC धारा 437 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 437 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 437 अपराध : नष्ट करने या असुरक्षित एक सजा पोत या 20 टन बोझ के एक पोत बनाने के इरादे से शरारत



आई. पी. सी. की धारा 437 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 437 के मामले में 10 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 437 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 437 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 437 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 437 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 437 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 437 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 437 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।