धारा 433 आईपीसी - IPC 433 in Hindi - सजा और जमानत - किसी दीपगॄह या समुद्री-चिह्न को नष्ट करके, हटाकर या कम उपयोगी बनाकर रिष्टि

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 433 का विवरण
  2. धारा 433 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 433 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 433 के अनुसार जो कोई किसी दीपगॄह को, या समुद्री- चिह्न के रूप में उपयोग में आने वाले अन्य प्रकाश के, या किसी समुद्री-चिह्न या बोया या अन्य चीज के, जो नौ-चालकों के लिए मार्ग प्रदर्शन के लिए रखी गई हो, नष्ट करने या, हटाने द्वारा अथवा कोई ऐसा कार्य करने द्वारा, जिससे कोई ऐसा दीपगॄह, समुद्री- चिह्न, बोया या पूर्वोक्त जैसी अन्य चीज नौ-चालकों के लिए मार्ग प्रदर्शक के रूप में कम उपयोगी बन जाए, रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।

Offence : प्रकाशस्तंभ या समुद्र-निशान को नष्ट या स्थानांतरित करके या झूठी रोशनी का प्रदर्शन करके शरारत


Punishment : 7 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 433 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 433 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 433 अपराध : प्रकाशस्तंभ या समुद्र-निशान को नष्ट या स्थानांतरित करके या झूठी रोशनी का प्रदर्शन करके शरारत



आई. पी. सी. की धारा 433 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 433 के मामले में 7 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 433 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 433 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 433 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 433 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 433 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 433 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 433 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।