धारा 397 आईपीसी - IPC 397 in Hindi - सजा और जमानत - मॄत्यु या घोर आघात कारित करने के प्रयत्न के साथ लूट या डकैती।

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 397 का विवरण
  2. धारा 397 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 397 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 397 के अनुसार यदि लूट या डकैती करते समय अपराधी किसी घातक आयुध का उपयोग करके किसी व्यक्ति को घोर आघात पहुँचाएगा, या किसी व्यक्ति की मॄत्यु कारित करने या उसे घोर आघात पहुँचाने का प्रयत्न करेगा, तो उसे कम से कम सात वर्ष तक के लिए कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
मॄत्यु या घोर आघात कारित करने के प्रयत्न के साथ लूट या डकैती।
सजा - कम से कम सात वर्ष का कठोर कारावास।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

यह समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : डकैती या डकैती, मौत या गंभीर चोट का कारण बनने की कोशिश के साथ


Punishment : 7 साल से कम नहीं के लिए कठोर कारावास


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय





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IPC धारा 397 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 397 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 397 अपराध : डकैती या डकैती, मौत या गंभीर चोट का कारण बनने की कोशिश के साथ



आई. पी. सी. की धारा 397 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 397 के मामले में 7 साल से कम नहीं के लिए कठोर कारावास का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 397 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 397 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 397 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 397 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 397 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 397 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 397 के मामले को कोर्ट सत्र न्यायालय में पेश किया जा सकता है।