धारा 394 आईपीसी - IPC 394 in Hindi - सजा और जमानत - लूट करने में स्वेच्छापूर्वक किसी को चोट पहुँचाना

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 394 का विवरण
  2. धारा 394 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 394 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 394 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति लूट करने में या लूट का प्रयत्न करने में स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाता है, वह व्यक्ति तथा कोई अन्य व्यक्ति जो ऐसी लूट करने, या लूट का प्रयत्न करने में संयुक्त तौर पर सम्बद्ध है, उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

लागू अपराध
लूट करने, या लूट का प्रयत्न करने में स्वेच्छापूर्वक किसी को चोट पहुँचाना।
सजा - आजीवन कारावास या दस वर्ष कठिन कारावास और आर्थिक दंड।
यह एक ग़ैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : व्यक्ति स्वेच्छा से करने या डकैती करने के प्रयास में चोट के कारण, या किसी अंय व्यक्ति को संयुक्त रूप से इस तरह की डकैती में संबंधित


Punishment : आजीवन कारावास या 10 साल के लिए कठोर कारावास + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 394 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 394 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 394 अपराध : व्यक्ति स्वेच्छा से करने या डकैती करने के प्रयास में चोट के कारण, या किसी अंय व्यक्ति को संयुक्त रूप से इस तरह की डकैती में संबंधित



आई. पी. सी. की धारा 394 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 394 के मामले में आजीवन कारावास या 10 साल के लिए कठोर कारावास + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 394 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 394 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 394 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 394 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 394 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 394 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 394 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।