धारा 274 आईपीसी - IPC 274 in Hindi - सजा और जमानत - औषधियों का अपमिश्रण

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 274 का विवरण
  2. धारा 274 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 274 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 274 के अनुसार जो कोई किसी औषधि या भेषजीय निर्मिति में अपमिश्रण इस आशय से कि या यह सम्भाव्य जानते हुए कि वह किसी ओषधीय प्रयोजन के लिए ऐसे बेची जाएगी या उपयोग की जाएगी, मानो उसमें ऐसा अपमिश्रण न हुआ हो, ऐसे प्रकार से करेगा कि उस ओषधि या भेषजीय निर्मिति की प्रभावकारिता कम हो जाए, व्रिEया बदल जाए या वह अपायकर हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

Offence : बिक्री के लिए इरादा किसी भी दवा या चिकित्सा तैयारी में मिलावट ताकि इसकी प्रभावकारिता को कम किया जा सके, या इसके संचालन को बदल सके, या इसे हानिकारक बनाया जा सके


Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





आईपीसी धारा 274 शुल्कों के लिए सर्व अनुभवी वकील खोजें

IPC धारा 274 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 274 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 274 अपराध : बिक्री के लिए इरादा किसी भी दवा या चिकित्सा तैयारी में मिलावट ताकि इसकी प्रभावकारिता को कम किया जा सके, या इसके संचालन को बदल सके, या इसे हानिकारक बनाया जा सके



आई. पी. सी. की धारा 274 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 274 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 274 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 274 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 274 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

आई. पी. सी. की धारा 274 के मामले में बचाव के लिए और अपने आसपास के सबसे अच्छे आपराधिक वकीलों की जानकारी करने के लिए LawRato का उपयोग करें।



आई. पी. सी. की धारा 274 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 274 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 274 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 274 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।