धारा 252 आईपीसी - IPC 252 in Hindi - सजा और जमानत - ऐसे व्यक्ति द्वारा सिक्के पर कब्जा जो उसका परिवर्तित होना उस समय जानता था जब वह उसके कब्जे में आया

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 252 का विवरण
  2. धारा 252 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 252 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 252 के अनुसार जो कोई कपटपूर्वक, या इस आशय के कि कपट किया जाए, ऐसे सिक्के को कब्जे में रखेगा, जिसके बारे में धारा 246 या 248 में से किसी में परिभाषित अपराध किया गया हो और जो उस समय, जब वह सिक्का उसके कब्जे में आया था, यह जानता था कि उस सिक्के के बारे में ऐसा अपराध किया गया है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Offence : एक व्यक्ति द्वारा बदल सिक्के का कब्जा है जो यह पता था कि जब वह उसके पास हो गया बदल सकता है


Punishment : 3 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 252 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 252 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 252 अपराध : एक व्यक्ति द्वारा बदल सिक्के का कब्जा है जो यह पता था कि जब वह उसके पास हो गया बदल सकता है



आई. पी. सी. की धारा 252 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 252 के मामले में 3 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 252 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 252 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 252 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 252 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 252 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 252 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 252 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।