धारा 249 आईपीसी - IPC 249 in Hindi - सजा और जमानत - इस आशय से भारतीय सिक्के का रूप परिवर्तित करना कि वह भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल जाए

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 249 का विवरण
  2. धारा 249 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 249 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 249 के अनुसार जो कोई 2[किसी भारतीय सिक्के] पर इस आशय से कि वह सिक्का भिन्न प्रकार के सिक्के के रूप में चल जाए, कोई ऐसी व्रिEया करेगा, जिससे उस सिक्के का रूप परिवर्तित हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
1 ब्रिटिश भारत शब्द अनुक्रमशः भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियम तथा अध्यादेश अनुकूलन) आदेश, 1948, विधि अनुकूलन आदेश, 1950 और 1951 के अधिनियम सं0 3 को धारा 3 और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित किए गए हैं ।
2 विधि अनुकूलन आदेश, 1950 द्वारा क्वीन के किसीे भी सिक्के के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 49

Offence : भारतीय सिक्के की उपस्थिति में फेरबदल करना इस इरादे से कि यह एक अलग विवरण के सिक्के के रूप में पारित होगा


Punishment : 7 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 249 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 249 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 249 अपराध : भारतीय सिक्के की उपस्थिति में फेरबदल करना इस इरादे से कि यह एक अलग विवरण के सिक्के के रूप में पारित होगा



आई. पी. सी. की धारा 249 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 249 के मामले में 7 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 249 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 249 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 249 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 249 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 249 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 249 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 249 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।