धारा 235 आईपीसी - IPC 235 in Hindi - सजा और जमानत - सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण या सामग्री उपयोग में लाने के प्रयोजन से उसे कब्जे में रखना

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 235 का विवरण
  2. धारा 235 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 235 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 235 के अनुसार जो कोई किसी उपकरण या सामग्री को सिक्के के कूटकरण में उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन से या यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए वह उस प्रयोजन के लिए उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित है, अपने कब्जे में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ;
यदि भारतीय सिक्का हो--और यदि कूटकरण किया जाने वाला सिक्का 3[भारतीय सिक्का] हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Offence : जालसाजी सिक्के के लिए एक ही उपयोग के उद्देश्य के लिए साधन या सामग्री का कब्जा


Punishment : 3 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट



Offence : अगर भारतीय सिक्का


Punishment : 10 साल + जुर्माना


Cognizance : संज्ञेय


Bail : गैर जमानतीय


Triable : सत्र न्यायालय





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IPC धारा 235 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 235 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 235 अपराध : जालसाजी सिक्के के लिए एक ही उपयोग के उद्देश्य के लिए साधन या सामग्री का कब्जा



आई. पी. सी. की धारा 235 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 235 के मामले में 3 साल + जुर्माना का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 235 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 235 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 235 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 235 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 235 गैर जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 235 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 235 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।