धारा 208 आईपीसी - IPC 208 in Hindi - सजा और जमानत - ऐसी राशि के लिए जो शोध्य न हो कपटपूर्वक डिक्री होने देना सहन करना

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 208 का विवरण
  2. धारा 208 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 208 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 208 के अनुसार जो कोई किसी व्यक्ति के बाद में ऐसी राशि के लिए, जो ऐसे व्यक्ति को शोध्य न हो या शोध्य राशि से अधिक हो, या किसी ऐसी संपत्ति या संपत्ति में के हित के लिए, जिसका ऐसा व्यक्ति हकदार न हो, अपने विरुद्ध कोई डिक्री या आदेश कपटपूर्वक पारित करवाएगा, या पारित किया जाना सहन करेगा अथवा किसी डिक्री या आदेश को उसके तुष्ट किए जाने के पश्चात् या किसी ऐसी बात के लिए, जिसके विषय में उस डिक्री या आदेश की तुष्टि कर दी गई हो, अपने विरुद्ध कपटपूर्वक निष्पादित करवाएगा या किया जाना सहन करेगा, वह दोनों में किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
दृष्टांत
य के विरुद्ध एक वाद क संस्थित करता है । य यह संभाव्य जानते हुए कि क उसके विरुद्ध डिक्री अभिप्राप्त कर लेगा, ख के वाद में, जिसका उसके विरुद्ध कोई न्यायसंगत दावा नहीं है, अधिक रकम के लिए अपने विरुद्ध निर्णय किया जाना इसलिए कपटपूर्वक सहन करता है कि ख स्वयं अपने लिए या य के फायदे के लिए य की संपत्ति के किसी ऐसे विक्रय के आगमों का अंश ग्रहण करे, जो क की डिक्री के अधीन किया जाए । य ने इस धारा के अधीन अपराध किया है ।

Offence : धोखे से पीड़ित को एक राशि के लिए पारित होने का कारण नहीं है, या संतुष्ट होने के बाद निष्पादित करने के लिए डिक्री को पीड़ित करना


Punishment : 2 साल या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 208 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 208 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 208 अपराध : धोखे से पीड़ित को एक राशि के लिए पारित होने का कारण नहीं है, या संतुष्ट होने के बाद निष्पादित करने के लिए डिक्री को पीड़ित करना



आई. पी. सी. की धारा 208 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 208 के मामले में 2 साल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 208 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 208 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 208 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 208 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 208 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 208 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 208 के मामले को कोर्ट प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।