धारा 186 आईपीसी - IPC 186 in Hindi - सजा और जमानत - लोक सेवक के लोक कॄत्यों के निर्वहन में बाधा डालना।

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 186 का विवरण
  2. धारा 186 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 186 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 186 के अनुसार जो भी कोई किसी लोक सेवक के सार्वजनिक कॄत्यों के निर्वहन में स्वेच्छा पूर्वक बाधा डालेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे तीन महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या पांच सौ रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
लोक सेवक के लोक कॄत्यों के निर्वहन में बाधा डालना।
सजा - तीन महीने कारावास या पांच सौ रुपए आर्थिक दण्ड, या दोनों।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय, संज्ञेय (आंध्रा प्रदेश में) अपराध है और किसी भी मॅजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना


Punishment : 3 महीने या जुर्माना या दोनों


Cognizance : गैर - संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 186 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 186 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 186 अपराध : लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना



आई. पी. सी. की धारा 186 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 186 के मामले में 3 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 186 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 186 गैर - संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 186 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 186 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 186 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 186 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 186 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।