धारा 171घ आईपीसी - IPC 171घ in Hindi - सजा और जमानत - निर्वाचनों में प्रतिरूपण

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 171घ का विवरण

धारा 171घ का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 171घ के अनुसार जो कोई किसी निर्वाचन में किसी अन्य व्यक्ति के नाम से, चाहे वह जीवित हो या मॄत, या किसी कल्पित नाम से, मतपत्र के लिए आवेदन करता या मत देता है, या ऐसे निर्वाचन में एक बार मत दे चुकने के पश्चात् उसी निर्वाचन में अपने नाम से मत-पत्र के लिए आवेदन करता है, और जो कोई किसी व्यक्ति द्वारा किसी ऐसे प्रकार से मतदान को दुष्प्रेरित करता है, उपाप्त करता है या उपाप्त करने का प्रयत्न करता है, वह निर्वाचन में प्रतिरूपण का अपराध करता है ।
1[परंतु इस धारा की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति कि लागू नहीं होगी जिसे तत्समय प्रवॄत्त किसी विधि के अधीन मतदाता की ओर से, जहां तक वह ऐसे मतदाता की ओर से परोक्षी के रूप में मत देता है, परोक्षी के रूप में मत देने के लिए प्राधिकॄत किया गया है ।

इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), 1860 से अधिक पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



आईपीसी धारा 171घ शुल्कों के लिए सर्व अनुभवी वकील खोजें