धारा 171ग आईपीसी - IPC 171ग in Hindi - सजा और जमानत - निर्वाचनों में असम्यक्् असर डालना

अपडेट किया गया: 01 Apr, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


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विषयसूची

  1. धारा 171ग का विवरण

धारा 171ग का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 171ग के अनुसार (1) जो कोई किसी निर्वाचन अधिकार के निर्बाध प्रयोग में स्वेच्छया हस्तक्षेप करता है या हस्तक्षेप करने का प्रयत्न करता है, वह निर्वाचन में असम्यक्् असर डालने का अपराध करता है ।
(2) उपधारा (1) के उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जो कोई--
(क) किसी अभ्यर्थी या मतदाता को, या किसी ऐसे व्यक्ति को, जिससे अभ्यर्थी या मतदाता हितबद्ध है, किसी प्रकार की क्षति करने की धमकी देता है, अथवा
1 1920 के अधिनियम सं0 39 की धारा 2 द्वारा अध्याय 9क अंतःस्थापित ।
2 1975 के अधिनियम सं0 40 की धारा 9 द्वारा खंड (क) के स्थान पर प्रतिस्थापित । भारतीय दंड संहिता, 1860 32
(ख) किसी अभ्यर्थी या मतदाता को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करता है या उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करता है कि वह या कोई ऐसा व्यक्ति, जिससे वह हितबद्ध है, दैवी अप्रसाद या आध्यात्मिक परिनिन्दा का भाजन हो जाएगा या बना दिया जाएगा,
यह समझा जाएगा कि वह उपधारा (1) के अर्थ के अंतर्गत ऐसे अभ्यर्थी या मतदाता के निर्वाचन अधिकार के निर्बाध प्रयोग में हस्तक्षेप करता है ।
(3) लोक नीति की घोषणा या लोक कार्यवाही का वचन या किसी वैध अधिकार का प्रयोग मात्र, जो किसी निर्वाचन अधिकार में हस्तक्षेप करने के आशय के बिना है, इस धारा के अर्थ के अंतर्गत हस्तक्षेप करना नहीं समझा जाएगा ।


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