धारा 157 आईपीसी - IPC 157 in Hindi - सजा और जमानत - विधिविरुद्ध जनसमूह के लिए भाड़े पर लाए गए व्यक्तियों को संश्रय देना।

अपडेट किया गया: 01 Mar, 2024
एडवोकेट चिकिशा मोहंती द्वारा


LawRato

विषयसूची

  1. धारा 157 का विवरण
  2. धारा 157 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

धारा 157 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 157 के अनुसार जो कोई अपने आधिपत्य या प्रभार, या नियंत्रण के अधीन किसी गॄह या परिसर में किन्हीं व्यक्तियों को, यह जानते हुए कि वे व्यक्ति विधिविरुद्ध जनसमूह में सम्मिलित होने या सदस्य बनने के लिए भाड़े पर लाए गए, वचनबद्ध या नियोजित किए गए हैं या भाड़े पर लाए जाने, वचनबद्ध या नियोजित किए जाने वाले हैं, संश्रय देगा, आने देगा या एकत्र करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

लागू अपराध
विधिविरुद्ध जनसमूह के लिए भाड़े पर लाए गए व्यक्तियों को संश्रय देना।
सजा - छह महीने कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

Offence : ऐसे लोगों को शरण देना जिन्हे गैर कानूनी असेंबली के लिए नियुक्त किया गया है


Punishment : 6 महीने या जुर्माना या दोनों


Cognizance : संज्ञेय


Bail : जमानतीय


Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट





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IPC धारा 157 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 157 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 157 अपराध : ऐसे लोगों को शरण देना जिन्हे गैर कानूनी असेंबली के लिए नियुक्त किया गया है



आई. पी. सी. की धारा 157 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 157 के मामले में 6 महीने या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।



आई. पी. सी. की धारा 157 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 157 संज्ञेय है।



आई. पी. सी. की धारा 157 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?

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आई. पी. सी. की धारा 157 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?

आई. पी. सी. की धारा 157 जमानतीय है।



आई. पी. सी. की धारा 157 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 157 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।